पटना: गंगा नदी के साथ-साथ गंगा नदी में बने एलिवेटेड सड़क पर ड्राइव का सपना अब पूरा होगा. यानी आप पटना में मरिन ड्राइव जैसे रोमांच का अनुभव कर पाएंगे. दीघा से दीदारगंज तक गंगा नदी में किनारे के साथ-साथ सफर का आनंद इस मायने में रोमांचक और मनोहारी हो जायेगा कि एक ओर पटना शहर के पुरानी धरोहर जैसी इमारतें, शिक्षण संस्थान और दूसरे महत्वपूर्ण लैंडमार्क का दीदार कर पाएंगे. 


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2013 में हुई थी इस प्रोजेक्ट की शुरुआत
वही दूसरी ओर गंगा की अविरल धारा आपको रोमांचित करेगी. गंगा पथ परियोजना की कल्पना आज से लगभग पचीस वर्ष पूर्व की गयी थी लेकिन यथार्थ में तब्दील करने की शुरुआत का श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है, जिन्होंने 2013 में शिलन्यास किया.


पिछले एक वर्ष से इस परियोजना में कोई काम-काज की प्रगति नहीं हुई है, लेकिन नई सरकार के बनाने के बाद मंगल पांडेय को पथ निर्माण विभाग का मंत्री बनाया गया. इस परियोजना को प्राथमिकता के साथ पूरा करने का बीड़ा पथ निर्माण मंत्री ने उठाया है. आर ब्लॉक-दीघा फोर लेन को भी अब इस गंगा पथ योजना से जोड़ा जा रहा है.


मरीन ड्राइव को कह सकते हैं रिवर ड्राइव
गंगा नदी के किनारे दीघा से दीदारगंज तक के मरीन ड्राइव में जिसे आप रिवर ड्राइव कह सकते हैं, जिसमे एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट के पास से गाय घाट, कंगन घाट होते हुए पटना घाट और धर्मशाला घाट से पुराने एनएच दीदारगंज तक कुल 11.7 किलोमीटर एलिवेटेड रोड है. जो नदी में है जबकि दीघा से एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट और पटना घाट से धर्मशाला घाट तक की लम्बाई 8.8 किलोमीटर है जो बांध के तौर पर यानी अप्रोच मार्ग होगा.


एक ओर पटना शहर का नजारा और दूसरी ओर गंगा की अविरल धारा, यह मनोहारी दृश्य आपको इस रिवर ड्राइव में मिलेगा. साथ ही बेहद रोमांचक यात्रा के साथ पटना में पश्चिम से पूरब या पूरब से पश्चिम लम्बी दूरी तय करने के लिए लगने वाले भीषण जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी.


PMCH आवागमन के लिए दी जा रही एक्सक्लूजिव कनेक्टिविटी
इस परियोजना को गति देने के लिए तीन एजेंसी को लगाया गया है, जिसमें 15 किलोमीटर का काम नवयुग इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन को दिया गया है. 5 किलोमीटर का काम जी आर इंफ़्रा कम्पनी को दिया गया है. पीएमसीएच में मरीजों के आवागमन के लिए एक्सक्लूसिव फ़ोर लेन सड़क की कनेक्टिविटी दी जा रही है जिसे ग्वार कंस्ट्रक्शन कम्पनी बना रही है.


राजधानी पटना के लोगों के लिए यह एक बेहतरीन सौगात है. वही स्थानीय दीघा विधायक अपने क्षेत्र के लिए भी इसे एक उपलब्धि मानते हैं.


पटना का विकास हो रहा है और बढ़ती आबादी को लेकर शहरीकरण का दायरा भी बढ़ रहा है. जिस तरह से शहर का फैलाव हो रहा है और राजधानी पटना के आस पास के क्षेत्र भी इसमें शामिल होंगे. बिहार में राज्य सरकार ने 160 नए नगर निकायों के गठन की मंजूरी दे दी है. वही 103 नए नगर पंचायतों का गठन किया गया है, विकसित आठ ग्राम पंचायत को सीधे नगर परिषद् बनाया गया है. 


इस मरीन ड्राइव से शहरीकरण को भी मिलेगी नई दिशा
वही 32 नगर पंचायतों को अपग्रेड कर नगर परिषद् बनाया गया है. इसके साथ अब राज्य में 12 की जगह 17 नगर निगम हो गए हैं, यानी जिस तरह से शहरीकरण को बढ़ावा मिल रहा है. शहर में विस्तार की कड़ी में इस गंगा पथ योजना की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.


इस रिवर ड्राइव के बन जाने से बिहार के सबसे बड़े हॉस्पिटल पीएमसीएच में पहुंचना न सिर्फ आसान होगा, बल्कि अशोक राजपथ के जाम से प्रतिदिन हॉस्पिटल पहुंचने वालों को होने वाली समस्या से तो निजात मिलेगी ही उत्तर बिहार से यहां आने वाले लोगों को भी बेहद सुविधा होगी. न सिर्फ पीएमसीएच बल्कि इस रिवर ड्राइव से सात जगहों पर शहर के प्रमुख स्थानों को जोड़ा गया है जिससे आवागमन बेहद सुगम हो जाएगा.


नायाब सोच है रिवर ड्राइव
इस रिवर ड्राइव की सोच ही नायाब है और इसे मूर्त रूप देने में तकनीक का अनूठा इस्तेमाल किया गया है. एलिवेटेड रोड और वह भी गंगा नदी में शहर के साथ-साथ यह काम बेहद चुनौतीपूर्ण था, लेकिन इसे बनाने के लिए दृढ संकल्प लिया गया तो फिर कोई भी परेशानी आड़े नहीं आयी. बेहतरीन तकनीक का इस्तेमाल करके इसे पूरा किया जा रहा है. जिसमें न सिर्फ रोमांच का ध्यान रखा गया है बल्कि सुरक्षा का भी ध्यान प्राथमिकता के साथ रखा गया है.


साथ ही इसके साथ टहलने के लिए पाथ वे तो बनाया ही गया है. अप्रोच मार्ग तक दोनों ओर पांच-पांच मीटर का एरिया ग्रीन एरिया यानी हरियाली वाले क्षेत्र में तब्दील किया जा रहा है जिससे इस पर यात्रा करना मनोहारी दृश्य देगा.


छठ महापर्व का भी रखा गया है खास ख्याल
बिहार का सबसे महत्वपूर्ण और महापर्व छठ है, लेकिन इस रिवर ड्राइव के बनने से छठ पर्व के लिए गंगा नदी से तट तक पहुंचने में कोई व्यवधान न हो इसका ख़ास ख्याल रखा गया है. इसके लिए अप्रोच रोड में 13 जगहों पर अंडर पास बनाया गया है वह भी उपयुक्त ऊंचाई के साथ, जिससे ट्रक भी इसके अंदर से गुजर सके. इसके जरिए आमलोग आसानी से अपने धार्मिक सामाजिक कार्यों का निर्वहन गंगा तट पर कर सकेंगे.


3390 करोड़ रुपये की लागत से इस रिवर ड्राइव का निर्माण कराया जा रहा है और अभी तक इसका आधा काम गाय घाट तक लगभग पूरा कर लिया गया है. पिछले एक वर्ष से योजना में कुछ परिस्थितियों को लेकर प्रगति नगण्य रही लेकिन अब निर्माण से जुड़े सभी अवरोध दूर कर लिए गए हैं और गंगा पथ योजना यानि रिवर ड्राइव ने रफ़्तार पकड़ ली है. 


ऐसे में दीघा से एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट तक का निर्माण 2021 जून तक न सिर्फ पूरा कर लिया जायेगा बल्कि इसपर गाड़ियां दौड़ने भी लगेंगी. जबकि दिसंबर 2022 तक पूरा रिवर ड्राइव का मजा आम लोग ले पाएंगे.