Akshaya Tritiya 2023: 12 साल बाद मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे देव गुरु बृहस्पति, अक्षय तृतीया बनेगा बड़ा संजोग
Akshaya Tritiya 2023 किसके भाग्य में क्या लिखा है वो सिर्फ मनुष्य की राशियों पर निर्भर है. इस बार 12 साल बाद मीन राशि से निकलकर देव गुरु बृहस्पति मेष राशि में जाएंगे. शनिवार को अक्षय तृतीया पर किसी राशि का संजोग बन रहा है और किसका भाग्य खुलेगा.
पटना: Akshaya Tritiya 2023 किसके भाग्य में क्या लिखा है वो सिर्फ मनुष्य की राशियों पर निर्भर है. इस बार 12 साल बाद मीन राशि से निकलकर देव गुरु बृहस्पति मेष राशि में जाएंगे. शनिवार को अक्षय तृतीया पर किसी राशि का संजोग बन रहा है और किसका भाग्य खुलेगा. आइए जानते है वैदिक धर्म गुरु पंडित वेद मूर्ति शात्री से....
वैदिक धर्म गुरु पंडित वेद मूर्ति शात्री के अनुसार बता दें कि गुरु बृहस्पति एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करते हैं. यह एक क्रम है जो समय-समय पर चलता रहता है. बता दें कि गुरु बृहस्पति के गोचर का असर दान, ज्ञान, शिक्षा, पिता-पुत्र संबंध, संतान और वृद्धि आदि पर सीधे पड़ता है. इसके अलावा बता दें कि जब गुरु बृहस्पति एक राशि से दूसरी राशि में जाते है तो कुंडली में बृहस्पति के मजबूत होने से अनुकूल परिणाम मिलते हैं.
इस बार 12 साल बाद संजोग बन रहा है कि गुरु का राशि परिवर्तन मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे 22 अप्रैल 2023 को सुबह 5:16 पर होने जा रहा है. इसके बाद 4 सितंबर को गुरु मेष राशि में जाएंगे. बता दें कि इस समय शनि और बुध की वक्री स्थिति चल रही है. साथ ही आने वाली 31 दिसंबर 2023 को गुरु मेष राशि में पुनः मार्गी हो जाएंगे.
पंडित वेद मूर्ति शास्त्री ने बताया कि भगवान परशुराम का अवतरण दिवस अक्षय तृतीया को हुआ था. इसलिए यह दिन सनातनीयों के लिए भी बहुत खास होता है.अक्षय तृतीया का पर्व हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. अक्षय तृतीया इस बार शनिवार 22 अप्रैल 2023 को पड़ रही है. यह ऐसा दिन है कि हर मुहूर्त में शुभ माना गया है. इस सोना चांदी गृह व गाड़ी आदि खरीदने के बहुत शुभ समय माना जाता है. इस विवाह, मुण्डन, गृहप्रवेश आदि शुभ मांगलिक कार्य बिना ज्योतिषियों पूछे कर सकते हैं.
बता दें कि अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023 को प्रात: 7 बजकर 49 मिनट से 23 अप्रैल को 2023 को प्रात: 7 बजकर 47 मिनट तक है. यह दिन पूजा व खरीदारी के लिए शुभ होता है. इस बार भी 22 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री मंदिर के कपाट खुल जाएंगे. 25 अप्रैल की सुबह बाबा केदार के कपाट खोले जाएंगे. साथ ही बता दें कि बद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे. महज 11 दिन बाद आम लोगों के लिए चार धाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी.
इनपुट- वैदिक धर्म गुरु पंडित वेद मूर्ति शात्री