पटना: Amit Shah in Seemanchal:अमित शाह ने मिशन बिहार शुरू कर दिया है. नीतीश से गठबंधन टूटने के बाद उन्होंने सीमांचल रैली में जो बातें कही हैं, उससे साफ है कि आने वाले समय में बिहार में बीजेपी क्या रणनीति अपनाने वाली है. 


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अमित शाह ने लोकल मुद्दों से बनाई दूरी
अमित शाह (Amit Shah) की रैली से पहले जेडीयू और आरजेडी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया था. लेकिन अमित शाह ने अपनी रैली में लोकल मुद्दों से दूरी बनाए रखी. कश्मीर का मुद्दा उठाकर उन्होंने संकेत दे दिया है कि बिहार में बीजेपी  2024 और 2025 के चुनावों में राष्ट्रवाद पर ही अपना दांव आजमाएगी.


 सीमांचल के लोगों को डरने की जरूत नहीं
अमित शाह (Amit Shah)ने कहा कि सीमांचल में लालू-नीतीश की सरकार आने के  बाद डर का माहौल बन गया है. लेकिन सीमांचल के लोगों को डरने की जरूत नहीं है क्योंकि यहां मोदी सरकार है. किससे डर है, अमित शाह ने ये साफ नहीं किया लेकिन आपको याद होगा बीजेपी यहां लगातार घुसपैठ और रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा उठाती रही है. तो हो सकता है शाह हिंदू वोटर से मुखातिब हों. 


ध्रुवीकरण की नीति सीमांचल में अहम
ध्रुवीकरण की ये नीति सीमांचल में अहम है, क्योंकि यहां ज्यादातर सीटों पर मुसलमानों की आबादी अधिक है. इस बार भाजपा अकेले दम पर सीमांचल के मुस्लिम बहुल किशनगंज के अलावा पूर्णिया, कटिहार और अररिया में भी अपनी ताकत साबित करना चाहती है. 


गठबंधन में फूट डालने भी कोशिश
लालू को नीतीश से आगाह करके शाह ने गठबंधन में फूट डालने की भी कोशिश की है. याद होगा हाल ही में आरजेडी के शिवानंद तिवारी ने नीतीश से अपील की थी कि वो 2025 में तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाएं. फूट की इस गुंजाइश को पूर्णिया रैली में शाह ने हवा दे दी है. बीजेपी राष्ट्रीय मुद्दों को हवा देना चाहती है लेकिन गठबंधन वोकल फॉर लोकल है. 


तेजस्वी यादव ने रैली को कॉमेडी शो बताया
रैली खत्म होते ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस रैली को कॉमेडी शो बता दिया. उन्होंने कहा कि देश के गृह मंत्री बिहार आए और बेरोजगारी गरीबी पर कुछ नहीं कहा, न ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के पीएम के वादे पर कुछ बोले. गृहमंत्री ने बिहार में जंगलराज का जिक्र किया तो तेजस्वी ने पूछा कि दिल्ली तो उनकी पुलिस देखती है, वो अपराध में नंबर 1 है तो फिर बिहार में जंगलराज कैसे है? अब देखना है कि ध्रुवीकरण की राजनीति को दरकिनार करती आई बिहार की जनता राष्ट्रीय मुद्दों या लोकल मुद्दों पर वोकल होती है.