सीमांचल में अधिकार पदयात्रा निकालेंगे असदुद्दीन ओवैसी, क्या महागठबंधन का कर पाएंगे नुकसान?
आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल में जा रहे हैं. सीमांचल में पिछले यानी 2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने शानदार प्रदर्शन किया था और उसके पांच प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.
पूर्णिया : आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल में जा रहे हैं. सीमांचल में पिछले यानी 2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने शानदार प्रदर्शन किया था और उसके पांच प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि ओवैसी सीमांचल में एक बार फिर लोकसभा चुनाव में अपना जादू दिखाने के मकसद से वहां पहुंच रहे हैं. अपने दौरे के दौरान ओवैसी सीमांचल में अधिकार पदयात्रा भी निकालेंगे. इससे महागठबंधन के नेताओं खासतौर से राजद और जेडीयू का सिरदर्द बढ़ गया है. देखना यह होगा कि सीमांचल में ओवैसी का जादू दोबारा चलता है या नहीं.
अपने सीमांचल अधिकार पदयात्रा के दौरान ओवैसी किशनगंज लोकसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे. वे किशनगंज के अलावा ठाकुरगंज, बहादुरगंज, कोचाधामन और बाएसी के अलावा अमोर में अलग अलग इलाकों में कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे. शुक्रवार देर शाम किशनगंज में एआईएमआईएम के कार्यकर्ता ओवैसी का शानदार स्वागत करेंगे. शनिवार को ओवैसी का कार्यक्रम बाएसी विधानसभा क्षेत्र में होगा और खाड़ी पुल तक उनकी पदयात्रा निकाली जाएगी. इसके बाद वे एक सभा को भी संबोधित करेंगे.
शनिवार शाम को ओवैसी कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र के बरबटा, कोचाधामन, भठा हाट में कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे. रविवार को वापस लौटने से पहले वे बहादुरगंज विधानसभा के एलआरपी, जनता हाट और बहादुरगंज टाउन में कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. साथ ही ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र में ओवैसी लोहागड़ा, पवाखाली, भेरिभेरी घाट, खरखरी घाट में पदयात्रा निकालने के बाद प्रेस को संबोधित करेंगे.
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि ओवैसी सीमांचल के विकास के लिए सरकार को जगाने का काम करेंगे. इसलिए ओवैसी सीमांचल के तीन दिन के दौरे पर आ रहे हैं. उन्होंने सीमांचल के विकास के लिए आयोग नहीं बनाने का मसला भी उठाया.
ओवैसी से पहले बीजेपी की ओर से अमित शाह और महागठबंधन की ओर से सभी 7 दलों ने रैली की थी. इससे महागठबंधन के सियासी महत्व का अंदाजा लग रहा है. सीमांचल का विकास न होने का मसला भी ओवैसी उठाएंगे. विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी के भले ही 5 प्रत्याशी जीते थे लेकिन बाद में 4 विधायकों ने राजद की सदस्यता ले ली थी. इससे सीमांचल में ओवैसी पार्टी को फिर से खड़ा करने की तैयारी में हैं. ओवैसी को विश्वास है कि सीमांचल उन्हें निराश नहीं करेगा.