Ranchi: माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. चतरा जिले में सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कम से कम पांच माओवादी मारे गए, जिनमें से चार पर कुल 60 लाख रुपये का इनाम था. राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अजय कुमार सिंह ने यह जानकारी दी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 



अजय कुमार सिंह ने दी जानकारी 


पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अजय कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मुठभेड़ राजधानी रांची से 160 किलोमीटर दूर लावालौंग पुलिस थाना क्षेत्र में चतरा-पलामू सीमा के पास हुई. डीजीपी ने बताया, 'माओवादियों के खिलाफ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और स्थानीय चतरा पुलिस थाने के कर्मियों द्वारा संयुक्त अभियान को अंजाम दिया गया.मुठभेड़ में 25-25 लाख रुपये की इनामी राशि वाले दो तथा पांच-पांच लाख रुपये की इनामी रकम के दो अन्य माओवादियों समेत कुल पांच विद्रोही मारे गए.यह एक बड़ी उपलब्धि है.'


बड़ी मात्रा में हुआ हथियार और गोला-बारूद बरामद


उन्होंने कहा कि घटनास्थल से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया है.सिंह ने कहा कि दो माओवादियों- गौतम पासवान और अजीत ऊरांव उर्फ चार्लीस- पर 25-25 लाख का इनाम था और वे विशेष एरिया समिति के सदस्य थे.डीजीपी ने कहा कि अमर गंझू और अजय यादव उर्फ नंदू पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था.उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए एक अन्य माओवादी की पहचान संजीत भूइयां के तौर पर हुई है. ये माओवादी 100 से अधिक मामलों में वांछित थे.


तलाशी का काम रहा है चल


पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अजय कुमार सिंह ने कहा, 'काफी हद तक, चतरा और गया (पड़ोसी बिहार में) क्षेत्रों से नक्सली तत्वों का सफाया कर दिया गया है क्योंकि वे झारखंड-बिहार सीमा पर सक्रिय थे.यह पुलिस के लिये बड़ी उपलब्धि है.सुबह आठ बजे शुरू हुआ अभियान जारी है.फिलहाल तलाशी का काम चल रहा है.” 


मुठभेड़ में सुरक्षा बलों में किसी के हताहत होने के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा, 'कोई घायल नहीं हुआ.उनकी ओर से ऐसा लगता है कि एक व्यक्ति घायल हुआ था और उसके गिरोह के सदस्य उसे ले गए.' बरामद हथियारों में दो एके-47 राइफल, दो इंसास राइफल और कई देसी आग्नेयास्त्र शामिल हैं.इस बीच, झारखंड पुलिस ने एक बयान में कहा कि एक गुप्त सूचना के आधार पर, चतरा पुलिस, कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन) 203 और सीआरपीएफ 134 बटालियन द्वारा एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था.इसमें कहा गया कि सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चलाने वाले माओवादी जवाबी कार्रवाई में मारे गए.संयुक्त अभियान में माओवादियों का एक बड़ा शिविर नष्ट कर दिया गया.


(इनपुट भाषा के साथ)