Bihar Bridge Collapse: बिहार में एक के बाद एक कैसे गिरे 6 पुल? नीतीश सरकार ने बताया कारण, जानें किसे ठहराया जिम्मेदार
Bihar Bridge Collapse: बिहार के जल संसाधन विभाग की ओर से कहा गया कि नदी जोड़ योजना एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत प्रदेश की नदियों को आपस में जोड़ा जा रहा है. इस योजना को मार्च 2025 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है.
Bihar Bridge Collapse: बिहार में एक महीने के अंदर 12 पुल ध्वस्त होने से हड़कंप मचा हुआ है. एक के बाद एक पुल के ध्वस्त होने से बिहार सरकार के दावों की कलई खुल गई है. जो पुल गिरे उसमें से 6 पुल जल संसाधन विभाग के थे तो 6 पुल ग्रामीण विकास विभाग के थे. हद तो तब पार हो गई जब एक ही दिन में पांच पुल धराशाई हो गए. इन घटनाओं पर चौतरफा आलोचना झेलने के बाद अब कहीं जाकर बिहार सरकार नींद से जागी है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के साथ बैठक की. इस बैठक में सीएम ने पुलों के रखरखाव के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी बनाने का निर्देश दिए हैं. वहीं दूसरी ओर से अब बिहार सरकार की ओर से एक के बाद एक 6 पुल कैसे गिरे, इसका कारण बताया गया है.
इस मामले पर बिहार के जल संसाधन विभाग की ओर से कहा गया कि 3 और 4 जुलाई को सीवान और सारण में छाड़ी और गंडक नदी में 6 पुल-पुलिया ध्वस्त हो गए. जल संसाधन विभाग ने कहा कि सीएम नीतीश के नदी जोड़ योजना एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत नदियों को आपस में जोड़ा जा रहा है. जिसके चलते कृषि योग्य भूमि को पानी पहुंचाया जा सके. विभाग ने कहा कि इस योजना के तहत लगभग 170 किमी की लम्बाई में 19 मीटर चौड़ाई तथा औसत गहराई 03 मीटर में गाद निकासी कार्य कराया जाना है. इस योजना को मार्च 2025 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है. इससे छाड़ी नदी के प्रवाह को अविरल होने से इस क्षेत्र में बाढ़ आपदा न्यूनीकरण में मदद मिलेगी एवं इस क्षेत्र के जलीय पारिस्थितिकी के साथ-साथ भू-जल स्तर में भी सुधार होगा.
ये भी पढ़ें- Bihar Bridge Collapse: बिहार में लगातार पुल गिरने पर नींद से जागा प्रशासन! सारण DM ने कई पुलों का भौतिक सत्यापन किया
जल संसाधन विभाग की ओर से कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि गाद निकासी कार्य के दौरान समुचित तकनीकी पर्यवेक्षण नहीं किया गया और एहतियाती कदम नहीं उठाए गए. विभाग ने कहा कि संरचनाओं के पास तकनीकी रूप से संतुष्ट होने के उपरान्त ही खुदाई कार्य किया जाना चाहिए था, ऐसा लगता है कि इसका पालन नहीं किया गया. विभाग ने कहा कि इसके लिए संबंधित अभियंता प्रथम द्रष्टया जवाबदेह है. सारण के डीएम अमन समीर ने भी यही बात कही है. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि नदी की सफाई करने वाली कंपनी ने सही से कार्य नहीं किया. सफाई करते समय पुलों को छति पहुंचाई गई.