Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीसी से जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक की. समीक्षा के दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल संसाधन विभाग की महत्वाकांक्षी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने सात निश्चय पार्ट-2 के अन्तर्गत ‘हर खेत तक सिंचाई का पानी’ योजना, गंगा जल उद्वह योजना, सिंचाई प्रक्षेत्र की निर्माणाधीन योजनायें, बाढ़ प्रक्षेत्र में चलायी जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं तथा शुरू की गयी नई चयनित योजनाओं की कार्य प्रगति की जानकारी दी.


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जमीनी जायजा लिया जाएगा


समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जल उद्वह योजना के अन्तर्गत गंगा नदी के पानी को संग्रहित कर शुद्ध पेयजल के रुप में राजगीर, बोधगया, गया और नवादा में पहुंचाने से संबंधित क्रियान्वित की जा रही योजना को तेजी से पूर्ण करें. वो कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने के बाद निर्माणाधीन परियोजनाओं का स्थल पर जाकर जायजा लेंगे. जो कार्य पूर्ण हो गये हैं और उसका भी जमीनी जायजा लेंगे.


शहरों के गंदे पानी को नदी में नहीं गिराया जाये


मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रक्षेत्र में चलायी जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं का सतत् अनुश्रवण करते रहें ताकि बचे हुये कार्य तेजी से पूर्ण हो सके. उन्होंने कहा कि तटबंधों के ऊंचीकरण, सुदृढ़ीकरण व पक्कीकरण कार्य को प्राथमिकता में रखते हुये पूरा किया जाये. बाढ़ से सुरक्षा हेतु बचे हुए सभी कटाव निरोधक कार्य एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को जल्द पूरा करें. 


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उन्होंने आगे कहा कि बाढ़ की स्थिति में तटबंधों के निगरानी हेतु विशेष सतर्कता बरती जाए. शहरों के गंदी पानी को नदी में नहीं गिराया जाय, एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) वाटर का उपयोग सिंचाई हेतु किया जाये. वो वाल्मीकि नगर को ईको टूरिज्म का सेंटर बनाना चाहते हैं. वाल्मीकि नगर में एक तरफ नदी है तो दूसरी तरफ पहाड़ और जंगल है. ऐसे में यहां लोग जरुर आना चाहेंगे.