पटना: सीएम नीतीश कुमार ने गुरूग्राम में बिहार के चार लोगों की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'गुरूग्राम में निर्माण कार्य के दौरान निर्माणाधीन इमारत की 17वीं मंजिल से नीचे गिरने से बिहार के 4 लोगों की मृत्यु दुःखद. ईश्वर शोक संतप्त परिवारों को धैर्य धारण करने की शक्ति दें. बिहार के मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रूपये अनुग्रह अनुदान दिया जाएगा.


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उन्होंने आगे लिखा, 'दिल्ली में बिहार के स्थानिक आयुक्त को स्थिति का जायजा लेने तथा घायलों के समुचित इलाज के साथ-साथ हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने एवं मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पहुंचाने हेतु सभी समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया.'


गौरतलब है कि गुरुग्राम के सेक्टर-77 स्थित निर्माण स्थल पर मंगलवार शाम 17वीं मंजिल पर एक टावर क्रेन फिक्स करने के दौरान हुए दर्दनाक हादसे में चार मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया. घटना शाम करीब पांच बजे की है. सेक्टर-77 में एमार प्लाम हिल्स के एक निर्माणाधीन स्थल पर एक आवासीय परियोजना का काम चल रहा है.


बिहार के चार लोगों की मौत
पांच पीड़ितों में से चार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस ने कहा कि सभी पीड़ित बिहार के मूल निवासी थे.


सभी पांच 17वीं मंजिल से गिर गए
मानेसर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) सुरेश कुमार ने कहा, 'दुर्घटना तब हुई, जब पीड़ित 17वीं मंजिल के साथ हाउसिंग प्रोजेक्ट के ऊपर निर्माण सामग्री के परिवहन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टावर क्रेन को ठीक कर रहे थे और वे फिसल गए. सभी पांच 17वीं मंजिल से गिर गए, उनमें से एक 12वीं मंजिल के सुरक्षा उपकरण पर फंस गया था जो घायल हो गया है और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.'


कुमार ने कहा कि प्रथम दृष्टया हमने पाया कि ठेकेदार द्वारा 12वीं मंजिल पर लगाए गए आवश्यक सुरक्षा उपकरण पर्याप्त नहीं थे. मामले की विस्तृत जांच की जाएगी. पुलिस ने कहा कि पीड़ितों के बारे में अधिक जानकारी अभी तक स्थापित नहीं की जा सकी है.


कुमार ने कहा, 'ड्यूटी मजिस्ट्रेट और क्राइम टीम जल्द ही साइट का दौरा करेंगे और विस्तृत जांच के बाद निर्धारित कानून के अनुसार परियोजना के संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.'


शवों को सिविल अस्पताल के शवगृह में रखा गया है. पुलिस के मुताबिक, प्रोजेक्ट का ठेका एक जेजेआरएस ठेकेदार को दिया गया था.


(आईएएनएस)