पटनाः Bihar News: राज्य के विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों की अर्हता के लिए नेट की की तर्ज पर बेट (बिहार इलिजिबिलटी टेस्ट) लिया जायेगा. गुरुवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद की सामान्य परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया. शिक्षा मंत्री ने उच्च शिक्षा निदेशक से कहा कि बेट का सिलेबस तैयार कराएं. सिलेबस को यूजीसी अप्रूव करेगा और इसी आधार पर बेट होगा. 


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अंतिम निर्णय राज्य सरकार को लेना है. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने परिषद से के पारंपरिक विश्वविद्यालयों की और कॉपियों की मूल्यांकन के प्रणाली ऑनलाइन करने के बारे में फिजिबिलिटी रिपोर्ट मांगी है. बैठक में मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति को आश्वासन मिला कि 15 दिन में भूमि का प्रबंधन हो जायेगा. अब मुंगेर विवि में स्कूल की जगह विभागीय संकाय खुलेंगे. बैठक में उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ कामेश्वर झा, निदेशक सह सचिव बैद्यनाथ यादव, पटना और मुंगेर विवि के कुलपति मौजूद रहे. 


चार वर्षीय बीएड कोर्स संचालन को सहमति
राज्य के विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय बीएड कोर्स के संचालन को सर्व सम्म्मति से सहमति दी गयी. सीएम रिसर्च फैलोशिप योजना में पटना विश्वविद्यालय के मॉडल को प्रभावी किया जायेगा. पीयू के कुलपति ने अपने मॉडल की जानकारी पेश की. इसमें बिहार के शोधार्थियों को वित्तीय मदद दी जायेगी. इसके लिए 100 करोड़ की मूल पूंजी का प्रबंध होगा.


शिक्षा के विकास के लिए मिलेगी बड़ी राशि
केंद्रीय पीएम ऊषा योजना के तहत बहुआयामी शिक्षा के विकास के लिए राज्य के दो विश्वविद्यालयों ललित नारायण मिथिला विवि और पटना विवि को कई करोड़ की राशि मिल सकती है. दोनों विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव मांगे गये हैं. इनके प्रस्ताव केंद्र को भेजे जायेंगे. विश्वविद्यालयों में समर्थ पोर्टल को प्रभावी करने का निर्णय लिया गया.


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