Bihar Land Mutation: बिहार में पिछले साल एक मार्च को फिफो (फर्स्ट कम फर्स्ट आउट) सिस्टम लागू किया था. अब आवेदनों के निबटारे में इसका अनुपालन किया जाएगा. ग्राम सभा के हिसाब से जमीन मालिक को सर्वे (विशेष सर्वेक्षण) की जानकारी दी जाएगी. इसमें विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी कानूनगो व अमीन उपस्थित रहेंगे. जो विस्तार से जमीन सर्वे के तौर तरीके की जानकारी देंगे. सम-विषम के आधार पर हलके की जिम्मेवारी तय की गई है. सम संख्या वाले हलके अंचलाधिकारी और विषम संख्या वाले हलके की जिम्मेवारी राजस्व अधिकारी को दी गई है. कहा गया कि दाखिल-खारिज का निष्पादन इसी व्यवस्था से हो. किसी प्रकार की गड़बड़ी की जांच के लिए अंचल अधिकारी संबंधित राजस्व कर्मचारी को आवेदन अग्रसारित करेंगे. जानकारी के मुताबिक, राजस्व कर्मचरी तीन कार्य दिवस में रिपोर्ट करेंगे कि आवेदन में दिए गए दस्तावेज सही हैं या नहीं.


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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अनुसार, जमीन लगान मद में आनलाइन भुगतान के दौरान अगर अधिक राशि वसूली हो गई है, तो इसकी वापसी होगी. विभाग ने इसके लिए भी बुधवार को अलग आदेश जारी किया है. इसके अनुसार अधिक राशि की वापसी उसी खाते में होगी, जिससे भुगतान किया गया है. इसके अलावा दाखिल-खारिज के किसी आवेदन का हर हाल में 75 दिनों के भीतर निबटारा हो जाएगा. मुजफ्फरपुर के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि सभी अंचल में एक शिविर कार्यालय स्थापित किया गया है.


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इसमें एक विशेष सर्वेक्षण बंदोबस्त पदाधिकारी, दो कानूनगो और और एक लिपिक के साथ चार राजस्व ग्राम पर एक विशेष सर्वेक्षण अमीन की संविदा आधारित तैनाती की गयी है. उन्होंने बताया कि अपनी जमीन को ठीक-ठाक बना कर और उसे सीमांकन कर लेना होगा, फिर जमीन का विवरण चौहद्दी के साथ प्रपत्र 2 में खेसरावार भरकर शिविर में जमा करना होगा, जिसके साथ कुछ डॉक्यूमेंट भी देना पड़ेगा, जैसे की जमाबंदी संख्या का विवरण/मालगुजारी रसीद की छाया प्रति (अगर आपके पास है तो), खतियान की नकल.