Bihar Land Survey: खाता-खतियान को लेकर है कोई कन्फ्यूजन, तो यहां मिलेगा उसका समाधान
Bihar Land Survey: सरकार का मानना है कि भूमि सर्वेक्षण के द्वारा जमीनी विवादों को कम करने, भूमि रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण करने और सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराने में बड़ी मदद मिलेगी.
Bihar Land Survey: बिहार के 45 हजार गांवों में जमीन सर्वे का काम चल रहा है. सर्वे को लेकर जमीन मालिकों में सर्वे की प्रक्रिया, जरूरी कागजात, मालिकाना हक तय होने की अहर्ताओं से जुड़े कई प्रकार के सवाल हैं, जिनका समाधान जरूरी है. इन सभी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से गांवों में शिविर लगाकर लोगों को जानकारी दी जा रही है. शिविर में लोगों को बताया जा रहा है कि उन्हें अपने जमीन से जुड़े किन अहम कागजातों को सर्वे के वक्त दिखाना है. हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में बताएंगे कि आखिर कैसे इस सर्वे को किया जा रहा है.
बता दें कि बिहार सरकार ने अब सर्वे के जरिए जमीन के असली मालिक की तलाश कर उसे उसकी जमीन के बारे में जानकारी देगी. इसकी डिटेल सरकार के पास भी रहेगी. जिससे भविष्य में किसी तरह की विवाद की स्थिति नहीं होगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा है कि भूमि सर्वे शिविर वैसी जगह पर नहीं होने चाहिए, जहां लोगों को आने-जाने में परेशानी हो. शिविर का गठन अंचल या अंचल कार्यालय के आसपास ही किया जाना चाहिए. अंचल कार्यालय परिसर के आधुनिक अभिलेखागारों में शिविर गठन होने से उसमें उपलब्ध कंप्यूटर/प्रिंटर जैसे उपस्करों का इस्तेमाल सर्वे के कार्य में किया जा सकेगा. सर्वेक्षण के कार्य की पूरी देखरेख जिले के डीएम कर रहे हैं.
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अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अभी कई जगहों पर ऐसा हो रहा है कि अगर कोई व्यक्ति है जिनके तीन-चार बेटे हैं या परिजनों के नीचे जो पीढ़ी है, उनमें अगर जमीन का बंटवारा होता है, तो इस बंटवारे के संपूर्ण कागजात होने चाहिए और हमारे खतियान में वो दर्ज होना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा भी होता है कि किसी ने बहुत पहले कोई जमीन खरीदी हो लेकिन उसका अपडेशन नहीं हुआ है, तो उसकी वजह से जमीन का विवाद भी काफी बढ़ रहा है. इन सभी को दुरुस्त करने के लिए अभी हमारे जितने भी सर्वे अथॉरिटी हैं वो ग्राउंड लेवल पर जाएंगे और एक- एक प्लॉट का सर्वे करेंगे. सर्वे करने के बाद यह रिकॉर्ड रखा जाएगा कि कौन सी जमीन किसकी है. जमीन के असली मालिक हैं उनकी जमीन का वेरिफिकेशन, री- वेरिफिकेशन और फिर पब्लिकेशन होगा. लोगों को ऑब्जेक्शन करने का भी समय दिया जाएगा. यह डटिल प्रक्रिया होने में काफी समय लगने वाला है.
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