Bihar News: बॉलीवुड के अभिनेता और नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित पंकज त्रिपाठी आजकल गोपालगंज में अपने गांव पर हैं. उनके पिता के देहांत के बाद वह पिता के श्राद्ध कर्म के लिए अपने गांव पहुंचे थे. इस बीच एक बार फिर से पंकज त्रिपाठी को फिल्म मिमी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार देने की घोषणा हुई. अब मिर्जापुर के 'कालीन भईया' की दरियादिली सुन आप भी उनकी वाह करने से अपने आप को रोक नहीं पाएंगे. 


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पंकज त्रिपाठी ने अपने पैतृक गांव बेलसंड में अपने गांव के अपने बचपन वाले स्कूल को संवारने में लग गए हैं. पंकज त्रिपाठी ने यहां स्कूल में लाइब्रेरी की स्थापना की है. इस लाइब्रेरी को इसी स्कूल के प्रांगण में स्थापित किया गया है. जहां कहानी की किताबें, प्रेरणादायक किताबें के साथ सिलेबस से जुड़ी किताबों को भी लाइब्रेरी में रखा गया है. 


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इस लाइब्रेरी के लिए पंकज त्रिपाठी स्कूल भी पहुंचे थे. जहां उन्होंने बच्चों से बात की और उन्हें खूब कहानियां पढ़ने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि बच्चों के अंदर पढ़ने की रूची जगे ऐसी किताबें यहां लाइब्रेरी में रखी गई हैं. इसके लिए यह इसकी स्थापना की गई है. वह इस लाइब्रेरी के लिए अपने गांव के मध्य  विद्यालय पहुंचे थे. 


पंकज त्रिपाठी ने इसी स्कूल से पढ़ाई की है. वह यहां से आगे पढ़ने के लिए पटना गए. वहां से फिर मुंबई तक का सफर उनका बेहतरीन रहा है. वह अपने गांव के स्कूल में हर व्यवस्था बेहतर चाहते हैं और इसके लिए प्रयास कर रहे हैं. वह रविवार को मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं.