सीवानः समर्पण की भावना से किसी कार्य में लगे रहो तो सफलता जरूर मिलती है. इस कहावत को सच कर दिखाया है सीवान जिले की बेटी यूसरा फातमा ने. जिन्होंने अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स 2023 में दर्ज करा लिया है. 


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15 साल की उम्र में रचा इतिहास 
यूसरा ने मात्र 15 साल 6 महीने की उम्र में चार काव्य लिखकर इतिहास रच दिया है. यूसरा ने भारत की चार काव्य लिखने वाली पहली लड़की बनने का गौरव प्राप्त किया है. यूसरा फातमा की जब उम्र मात्र 12 वर्ष थी, तब उसने पहला काव्य जज्बा लिखा था. वहीं 15 वर्ष 6 माह पूरा होते ही जज्बा, मेरे हिस्से की कोशिश, शाम और तनहाई, बेरुखी जैसे चार काव्य लिखकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2030 में अपनी जगह दर्ज करा ली हैं. जिससे पूरे जिले वासियों में खुशी का माहौल बना हुआ है. 


डॉ विश्वरूपम चौधरी ने किया ऑनलाइन सम्मानित
यूसरा फातमा का का जन्म बिहार में सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड के तेतहली गांव में हुआ है. बेटी के इस उपलब्धि पर उनके पिता शकील अहमद और माता अर्शिया फातमा काफी खुश हैं. उसकी सफलता पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के डॉ विश्वरूपम चौधरी ने ऑनलाइन यूसरा फातमा को सम्मानित किया है.


यूसरा ऐसा रिकॉर्ड बनाना चाहती है जिसे लंबे समय तक कोई तोड़ नहीं सके
यूसरा फातमा इस रिकॉर्ड के बाद फिर कुछ ऐसे रिकॉर्ड बनाने को सोच रही हैं, जो कि लंबे समय तक कोई तोड़ नहीं सके. इसके साथ ही कुछ पहले से बने रिकॉर्ड को भी तोड़ने का इरादा है. कौन सा रिकॉर्ड बनाएंगी या तोड़ेंगी, इस बारे में वह अभी कुछ भी कहने से बच रही हैं. 


इनपुट- अमित कुमार सिंह 


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