पटना: राजधानी पटना में पिछले 24 घंटे में मानसून की पहली बारिश हुई. बारिश की वजह से पटना में उस तरह से जलजमाव के हालात पैदा नहीं हुए जिस तरह की आशंका जाहिर की जा रही थी. पटना में कई इलाके ऐसे रहे हैं जो जलजमाव के लिए बदनाम रहे हैं. पटना नगर निगम ने अपने स्तर से तैयारियां के जो दावे किए थे वो एक हद तक सही दिखे. 


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पाटलिपुत्र कॉलोनी में रहा जलजमाव
हालांकि साधन संपन्न इलाके माने जाने वाले पाटलिपुत्र कॉलोनी में जलजमाव की स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती है. जानकारी के अनुसार, पटना में पिछले 24 घंटे में 144 मिलीमीटर बारिश हुई. इस तरह की बारिश होने के बाद पटना में जलजमाव जैसे हालात पैदा हो जाते थे. क्योंकि साल 2019 में सितंबर-अक्टूबर की खौफनाक यादें अब भी लोगों के जहन में है. लेकिन साल 2019 और 2020 के जलजमाव से सबक लेते हुए नगर निगम ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी की थी.


थाने के अंदर घुसा पानी
हालांकि दीघा-आशियाना रोड पर मौजूद राजीव नगर थाना में भीषण हालात दिखे. हालात इतने बुरे थे कि थाना के अंदर पानी घुस गया था. एक डेटा एंट्री ऑपरेटर पानी के बीच ही काम करते दिखे. पूछने पर बताया कि सुबह से इस तरह के हालात हैं. राजीव नगर थाना की स्थिति इस कदर खराब है कि कई फाइलें पानी में तैरती नजर आई.


जगहों की पहचान की गई: कमिश्नर
पटना नगर निगम के आयुक्त अनिमेष कुमार परासर के मुताबिक, निगम ने पिछली बारिश से सबक लिया है. अनिमेष कुमार ने कहा कि मानसून की पहली बारिश एक चुनौती थी और पटना नगर निगम (Patna Nagar Nigam) ने इस चुनौती पर काबू पा लिया है. अनिमेष कुमार के मुताबिक उन जगहों की खास रूप से पहचान की गई है जहां जलजमाव (Waterlogging) की आशंका रहती है. इसलिए ऐसी जगहों पर कर्मियों की तैनाती की गई है.


क्विक रेस्पॉन्स टीम का दिखा असर
निगम आयुक्त के दावों में दम भी नजर आया. जलजमाव वाली जगहों से तीन से चार घंटे में पानी की निकासी हो चुकी थी. पटना नगर निगम ने इस बार बारिश के बाद होने वाले जजमाव से निपटने के लिए क्विक रेस्पॉन्स टीम (Quick Response Team) बनाई है. इस टीम में 16 गाड़ियों को शामिल किया गया है और आज कुछ और गाड़ियां इस बेड़े में शामिल हुई. 


उन्होंने कहा कि निगम मुख्यालय मौर्य कॉम्प्लेक्स में नई गाड़ियों में स्टिकर लगाया जा रहा था. राजधानी में ऐसे इलाके जहां जलजमाव होंगे उससे निपटने के लिए क्विक रेस्पॉन्स टीम को भेजा जाएगा.


वहीं, पाटलिपुत्र कॉलोनी के अंदर भारी जलजमाव दिखा. सड़कों पर पानी नजर नहीं आया लेकिन पार्कों में भारी जलजमाव दिखा. यहां कुछ बच्चे मछली मारते दिखे. हालांकि आम लोगों को निगम से शिकायत थी. दूसरी ओर कुर्जी इलाके की पहचान भी जलजमाव के तौर पर होती रही है. राजीव नगर से कुर्जी की तरफ जाने वाली सड़क के बाएं हिस्से में पानी नजर आया. हालांकि पानी की निकासी के लिए यहां नगर निगम की तरफ से चार चार मशीनें लगाई गई थीं. इन मशीनों के जरिए कुर्जी नाले में पानी गिराया जा रहा था.


पटना नगर निगम की असली परीक्षा बाकी
सितंबर 2019 में राजधानी में भीषण बारिश हुई थी तब निगम की शिकायत थी कि जलजमाव से निपटने के लिए उसके पास पर्याप्त उपकरण नहीं हैं. लिहाजा उस भीषण हादसे और फजीहत से सबक लेकर निगम ने पिछले दो सालों में तैयारियां की. हालांकि पटना में बारिश सिंतबर तक होती है लिहाजा नगर निगम की असली परीक्षा अभी बाकी है.