Patna: बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में घमासान मचा हुआ है. हाल ही में जिस तरह RJD के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को इशारों ही इशारों में अनुशासन का पाठ पढ़ाया है, उससे राज्य की सियासत में यह बात उठने लगी है कि कहीं अब आरजेडी तेजप्रताप पर अंकुश लगाने या किनारा करने की तैयारी तो नहीं कर रही है.


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इस बीच बिहार सरकार के श्रम संसाधन व सूचना प्रावैधिकी विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने तेजप्रताप यादव को एक ऑफर दिया है. दरअसल, कुमार ने अपने बयान में कहा है कि तेजप्रताप यादव के साथ उनकी पार्टी और परिवार नाइंसाफी कर रहा है. बड़े बेटे होने के नाते उन्हें उनका हक मिलना चाहिए. मंत्री ने कहा, 'तेजप्रताप यादव को राजनीति में अलग लकीर खीचनी चाहिए. अगर वे बीजेपी (BJP) में शामिल होना चाहें, तो इसपर विचार किया जा सकता है.'  


'तेजप्रताप यादव काफी दिनों से बागी तेवर दिखा रहे हैं'
बता दें कि तेजप्रताप यादव ने काफी दिनों से पार्टी के अंदर ही जंग का एलान कर रखा है. यादव लगातार पार्टी के बड़े नेताओं पर हमले बोल रहे हैं, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच भी कुछ भी ठीक नहीं है लेकिन तेज लगातार छोटे भाई के साथ अच्छे संबंधों की बात कह रहे हैं. 


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विवाद की शुरुआत तब हुई जब...
दरअसल, इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब जगदानंद सिंह ने तेजप्रताप के करीबी माने जाने वाले छात्र राजद अध्यक्ष आकाश यादव को पद से हटाते हुए गगन कुमार को यह जिम्मेदारी दे दी. इसके बाद तेजप्रताप भड़क गए. तेजप्रताप ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिख दिया, 'प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी ये भूल गए की पार्टी संविधान से चलता है. राजद का संविधान कहता है की बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते. आज जो हुआ वो राजद के संविधान के खिलाफ हुआ.'


तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह को शिशुपाल बताया है
दिलचस्प बात यह है कि तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह को शिशुपाल और संजय यादव को दुर्योधन कहा है. इतना ही नहीं, तेजप्रताप ने इसके पहले आरजेडी के वरिष्ठ नेता दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह को भी 'एक लोटा पानी' बता दिया था. उसके पहले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे से भी उनकी तनातनी रही थी.