Patna:बिहार में दंगा प्रभावित इलाकों की ओर जा रही भाजपा की दो अलग-अलग टीमों को गुरुवार को रोहतास और बिहारशरीफ के जिला प्रशासन ने रोक दिया. अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में नेताओं का दौरा लोगों को भड़का सकता है और इसलिए उन्हें बिक्रमगंज सीमा और बिहारशरीफ सर्किट हाउस में रोक दिया गया.


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पूर्व उपमुख्यमंत्री सहित 15 नेताओं को रोका गया


पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के नेतृत्व में 15 नेताओं की टीम को गुरुवार दोपहर रोहतास और भोजपुर जिले के बिक्रमगंज बॉर्डर पर रोका गया. बिक्रमगंज एसडीएम उपेंद्र पाल सहित भारी संख्या में पुलिस बल बॉर्डर पर मौजूद रहा. जब भाजपा नेता बिक्रमगंज सीमा पर पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि अगर वे दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे तो कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है.


 



भाजपा नेताओं ने कुछ मिनट के लिए जगह पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. आखिरकार, जिलाधिकारी धर्मेद्र कुमार द्वारा एसडीएम के फोन पर प्रसाद से बात करने के बाद वे पटना लौटने पर सहमत हुए. प्रसाद ने कहा, हम सासाराम के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन ने हमें बिक्रमगंज सीमा पर रोक दिया. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रही है. अगर राज्य सरकार रामनवमी के दौरान सतर्क रहती, तो दंगा नहीं होता. नीतीश कुमार सरकार पूरी तरह से विफल हो गई है.


रेणु देवी ने बोला हमला


रेणु देवी ने कहा, राज्य सरकार एकतरफा कार्रवाई कर रही है. वह व्यक्ति कौन है, जिसने बम विस्फोट किया था? नीतीश कुमार सरकार एक राष्ट्रवादी पार्टी (भाजपा) और एक संगठन (आरएसएस) को निशाना बना रही है. राज्य सरकार दावा कर रही है कि सासाराम में धारा 144 लागू था और अधिकारी लाउडस्पीकरों के माध्यम से लोगों को सचेत करते देखे गए. राज्य सरकार सिर्फ झूठ बोल रही है.


विजय कुमार सिन्हा को भी रोका गया


विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में भाजपा का एक अन्य दल बिहारशरीफ गया लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें सर्किट हाउस से आगे नहीं जाने दिया. भाजपा की टीम में सिन्हा के अलावा वारसलीगंज की विधायक अरुणा देवी, कटोरिया विधायक निक्की हेम्ब्रम, लालगंज विधायक संजय सिन्हा, बाढ़ विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, नरकटियागंज की विधायक रश्मि वर्मा और दरभंगा के विधायक संजय सरावगी शामिल थे.


संजय सिन्हा ने कहा, पिछले कुछ दिनों में सत्ता पक्ष के नेता सद्भावना मार्च में भाग ले रहे हैं, लेकिन जब विपक्षी दल के नेता बिहारशरीफ आए तो जिला प्रशासन ने हमें रोक दिया. दंगा राज्य सरकार की विफलता के कारण हुआ. अगर राज्य सरकार ने कुछ गलत नहीं किया है तो वे एनआईए जांच के खिलाफ क्यों है?


(इनपुट भाषा के साथ)