बिहार: रावण दहन की तैयारी जारी, गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है ये कार्यक्रम
बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में पांच अक्तूबर को असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक विजयादशमी के मौके पर रावण वध किया जाएगा. इस कार्यक्रम में गंगा जमुनी तहजीब की भी झलक दिखती है.
Patna: बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में पांच अक्तूबर को असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक विजयादशमी के मौके पर रावण वध किया जाएगा. इस कार्यक्रम में गंगा जमुनी तहजीब की भी झलक दिखती है. पिछले कई सालों से रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का निर्माण गया के मुस्लिम कारीगरों की टीम द्वारा किया जा रहा है.
बिहार के कई बड़े नेता होंगे शामिल
दशहरा समिति के तत्वावधान में आयोजित रावण वध समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित कई मंत्री शामिल होंगे. कार्यक्रम शाम साढ़े चार बजे शुरू होगा. शाम पांच बजे रावण, कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतले जलाए जाएंगे. इस बार बारिश की आशंका को देखते हुए पुतलों पर प्लास्टिक वार्निश की गई है, जिससे इसके जलने में दिक्कत नहीं हो.
'गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है रावण दहन'
श्रीदशहरा समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल नोपानी एवं सचिव अरुण कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि दो वर्षों के बाद गांधी मैदान में रावण दहन कार्यक्रम हो रहा है. इस समारोह में न केवल राजधानी से, बल्कि राज्य के कोने-कोने से काफी संख्या में लोग आएंगे. पुतलों का निर्माण अंतिम चरण में है. इस वर्ष रावण का पुतला 70 फीट का होगा. 65 फीट का मेघनाथ एवं 60 फीट का कुंभकर्ण होगा. इस कार्य में गया के कुशल हिंदू मुस्लिम कारीगर लगे हैं.
आतिशबाजी का पूरा काम भी मुस्लिम कारीगर ही देखते हैं. पुतले को बना रहे कारीगर मोहम्मद असगर ने कहा कि वे पटना के गांधी मैदान में बीते कई सालों से रावण का पुतला बनाते आ रहे हैं. इस वर्ष गांधी मैदान में बनने वाली सोने की लंका दो मंजिला होगी. उसे भव्य तरीके से सजाया जाएगा. लंका के अंदर ही अशोक वाटिका का निर्माण किया जाएगा.
सुरक्षा के किये गए पुख्ता प्रबंध
रावण दहन कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. गांधी मैदान में अस्थाई नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. इसके अलावा शहर की यातायात व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है. गांधी मैदान की ओर जाने वाले सभी रास्तों को आम वाहनों के लिए उस दिन बंद कर दिया जाएगा.
(इनपुट:आईएएनएस)