बिहार में छठे दौर के शिक्षक नियोजन के साथ सातवें दौर के शिक्षक नियोजन पर लगा ग्रहण
बिहार में छठे दौर का शिक्षक नियोजन सितंबर के पहले शुरू नहीं होगा, लेकिन कभी इसी विभाग के मंत्री रहे विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि, जून के आखिरी हफ्ते में हर हाल में छठे दौर का शिक्षक नियोजन खत्म हो जाएगा.
पटना : बिहार के सरकारी स्कूलों में नियोजन के लिए सातवें दौर का शेड्यूल कब जारी होगा, इसका सीधा जवाब किसी के पास नहीं है. न तो शिक्षा विभाग के मंत्री और न ही विभाग के किसी अधिकारी के पास है. फिलहाल छठे दौर का शिक्षक नियोजन चल रहा है. ये वही छठे दौर का शिक्षक नियोजन है जिसके बारे में विभाग ने जून 2022 तक पूरा करने का दावा किया था, लेकिन सितंबर पूरा होने को है, लेकिन अब तक छठे फेज का ही नियोजन पूरा नहीं हुआ है. सवाल है कि क्या विभाग ही तो सातवें दौर के नियोजन के लिए फिलहाल इच्छुक नहीं है.
सितंबर से पहले शुरू नहीं होगा शिक्षक नियोजन
बता दें कि आधिकारिक रूप से तय है कि, बिहार में छठे दौर का शिक्षक नियोजन सितंबर के पहले शुरू नहीं होगा, लेकिन कभी इसी विभाग के मंत्री रहे विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि, जून के आखिरी हफ्ते में हर हाल में छठे दौर का शिक्षक नियोजन खत्म हो जाएगा. सितंबर महीने बीतने को है और ये तय है कि सातवें दौर के नियोजन में देरी होगी. पटना की सड़कों पर अक्सर अभ्यर्थी नियोजन की मांग के लिए उतरते हैं. सरकारी मंत्रियों से भरोसा मिलता है, लेकिन नियोजन की कोई पक्की खबर नहीं निकलती है. अभ्यर्थियों ने एक बार शिक्षा विभाग से सातवें फेज की अधिसूचना जारी करने की मांग की है.
दरअसल जिस सातवें फेज के नियोजन की बात कर रहे हैं वो अहम क्यों है इसे समझना आकड़ों के जरिए जरूरी है, लेकिन बिहार में अभी छठा फेज ही चल रहा है. कल तक सत्ता में भूमिका निभा रही बीजेपी अब विपक्ष में है और उसने सीधे तौर से सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि, बिहार में कभी राजेंद्र बाबू जैसे प्रतिभाशाली लोग थे, लेकिन अब जमाना बच्चा राय जैसे लोगों का होगा. भूल जाएं कि,बिहार में किसी भी विभाग में कोई बहाली होगी. वैसे भी पिछले सत्रह सालों में शिक्षा विभाग जदयू के हिस्से में ही रहा है. हालांकि राजद ने सरकार का बचाव किया है. पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने सिर्फ शिक्षा ही नहीं बल्कि दूसरे विभागों में ही जल्द ही खाली पड़े पदों को भरने का विश्वास दिलाया है. आइए जानते हैं कि सातवां फेज अहम क्यों है. फिलहाल बिहार में छठे दौर का शिक्षक नियोजन चल रहा है. इसमें क्लास एक से लेकर क्लास आठ तक बहाली होनी है.
कभी पंचायत चुनाव,कभी विधानसभा चुनाव तो कभी अदालती मामलों की वजह से छठे फेज के नियोजन में देरी होती रही है. जून में विभाग ने कहा था कि, हर हाल में जुलाई में सातवें फेज का नियोजन शुरू करेंगे लेकिन ऐसा अब संभव नहीं लगता है. सातवें फेज में प्राथमिक विद्यालयों के साथ ही माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विध्यालयों में भी बहाली होगी. सातवें फेज में ही माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि एसटीइटी 2019 के सफल अभ्यर्थी हिस्सा लेंगे, लेकिन अब बिहार में नगर निकायों के चुनाव हो रहे हैं और आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है. वैसे कर्मचारी जो शिक्षक नियोजन में हिस्सा लेते हैं उन्हें चुनाव में लगाया जा चुका है. नगर निकाय चुनाव अक्टूबर के आखिर में खत्म होंगे. बेहद संभव है कि चुनाव के दौरान नियोजन प्रक्रिया शुरू न हो. निकाय चुनाव के बाद राज्य सरकार की तैयारी जाति जनगणना की है. इसमें भी बड़े स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारी शामिल होंगे. जब तक जाति जनगणना पूरी नहीं होगी तब तक सातवें फेज के नियोजन पर ग्रहण लगने की पूरी आशंका है.
ये भी पढ़िए- नीतीश कुमार ने दिल्ली के लिए चुना UP का रास्ता, यहां से लड़ेंगे 2024 लोकसभा चुनाव!