Bihar Teacher Recruitment: बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी जोरों पर है. हालांकि इसको लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों की तरफ से विरोध में भी कोई कमी नहीं आई है. दरअसल इस भर्ती में शिक्षक अभ्यर्थी डोमिसाइल नीति को लेकर विरोध कर रहे हैं. इस सब के बीच बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जितने भी अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में आवेदन किया है वह भाग लेने के लिए योग्य हैं. हम लोग किसी भी अभ्यर्थी का परीक्षा के स्टेज पर उसकी पात्रता है या नहीं है इसकी जांच नहीं कर रहे हैं. 


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उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश आया है. उसके पेज 45 के अंतिम पैरा में यह स्पष्ट लिखा हुआ है. राजस्थान सरकार ने बीएड अभ्यर्थियों से आवेदन देने से रोका, यह गलत हुआ. क्योंकि उस समय एनसीटीई का गाइडलाइन प्रभावी था. इस दृष्टिकोण से उन्हें गाइडलाइन का पालन करना चाहिए था. बिहार के मामले में यही बात लागू होती है. जिस समय बीपीएससी ने आवेदन निकाला, उस समय हमलोगों ने बीएड अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती परीक्षा में आमंत्रित किया था. उन्होंने कहा की इसलिए इस परीक्षा में बीएड अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा.


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 11 अगस्त को कोर्ट से फैसला आने से पहले एनसीटीई की गाइडलाइन प्रभावी था. यानी जिन लोगों ने इस गाइडलाइन के तरह नौकरी पाया और जिन लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन दिया, उन्हें मौका दिया जाएगा. क्योंकि यह एनसीटीई की गाइडलाइन है. 


अतुल प्रसाद ने आगे कहा कि जो भी निर्णय होगा वह परीक्षा फल को भी प्रभावित करेगा. यानी एनसीटीई की गाइडलाइन के तहत अधिकार बीएड अभ्यर्थियों को परीक्षा में उपस्थित होने तक ही है. परीक्षा फल के संबंध में B.Ed अभ्यर्थियों का अधिकार नहीं बना है. इस बात का जिक्र हमारे विज्ञापन में भी नहीं किया गया है. अब एनसीटीई से परामर्श के बाद राज्य सरकार जो निर्णय करेगी वही आगे चलकर मान्य होगा. उन्होंने आगे कहा कि हम लोग एनसीटीई की गाइड लाइन को मानते हैं इसके आधार पर राज्य सरकार जो भी निर्णय लेगी वह मान्य होगा, उन्होंने आगे कहा कि दो चरणों में रिजल्ट जारी किया जाएगा. 


अतुल प्रसाद ने बताया कि इस भर्ती परीक्षा में डिप्लोमा वाले कुल 3 लाख 80 हजार अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा है. वहीं बीएड के 3 लाख 90 हजार अभ्यर्थी हैं. शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 20 से 25 सितंबर के बीच जारी किया जाएगा. ऐसे में अगर इस समय तक इस मामले में संशय बना रहता है तो रिजल्ट को दो चरणों में जारी किया जाएगा. इसका मतलब यह है कि बीएड अभ्यर्थियों का रिजल्ट जब तक मामला क्लियर नहीं हो जाता तब तक उसे रोक दिया जाएगा. 


अतुल प्रसाद ने यह भी जानकारी दी है कि इस भर्ती परीक्षा में इस बार नेगेटिव मार्किंग को हटा दिया गया है. जो प्रश्न पत्र मुद्रित हो गए हैं, उसमें अगर लिखा भी हो तो अभ्यर्थी नहीं मानें. बिहार सरकार और आयोग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने बीएसटीसी करने वाले देश भर के लाखों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है. बीएसटीसी और बीएड विवाद में शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह फैसला दिया है कि अब केवल बीटीएस डिप्लोमा धारक ही तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा लेवल-1 में पात्र होंगे. लेवल-1 पहली से 5वीं कक्षा तक में बीएड अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे. ऐसे में देशभर के बीएड अभ्यर्थियों के लिए यह एक बड़ा झटका है.