आखिर क्यों बोले सुशील मोदी, पीएम बनने का सपना छोड़ दीजिए नीतीश कुमार
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी बिहार में राहुल गांधी के द्वारा दिए गए बयान `सभी मोदी चोर हैं` को लेकर किए गए मानहानि के मुकदमे में शुक्रवार को पटना सिविल कोर्ट में गवाही देने पहुंचे थे. इसी कड़ी में उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस डूबता जहाज है.
पटनाः बिहार में नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ गठबंधन कर नई सरकार बना ली है. बिहार में इस नई सरकार के गठन के बाद से ही भाजपा लगातार किसी ना किसी मुद्दे पर सरकार पर तंज कस रही है. भाजपा के नेता लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार में शामिल मंत्रियों पर जमकर निशाना साध रहे हैं. अब एक बार फिर नीतीश कुमार पर हमलावर भाजपा के वरिष्ठ नेता, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि आप देश के प्रधानमंत्री बनने का सपना छोड़ दीजिए.
सुशील मोदी बोले डूबता जहाज है कांग्रेस
बता दें कि सुशील मोदी बिहार में राहुल गांधी के द्वारा दिए गए बयान 'सभी मोदी चोर हैं' को लेकर किए गए मानहानि के मुकदमे में शुक्रवार को पटना सिविल कोर्ट में गवाही देने पहुंचे थे. इसी कड़ी में भाजपा नेता सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस डूबता जहाज है. नीतीश को लगता है कि डूबते जहाज पर सवार होने वाला डूब नहीं सकता है. जेडीयू की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बनने का सपना छोड़ दीजिए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी को बचाइए, अवध बिहारी चौधरी को विधानसभा स्पीकर बनाए जाने से नीतीश कुमार की नैया संभलेगी नहीं डूबेगी.
आरजेडी को दो बार छोड़ चुके है नीतीश कुमार
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार चाहते है कि आईआरसीटीसी की जांच शुरू हो जाए और फिर तेजस्वी जेल में चले जाएं. इससे नीतीश के लिए आरजेडी को तोड़ान आसान होगा. वहीं दूसरी तरफ आरजेडी भी चाहती है कि जदयू के दो तीन विधायकों के साथ मिलकर अलग से सरकार बनाई जा सके. बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने विधानसभा अध्यक्ष का पद अपने पास रखा है, जिससे नीतीश कुमार कुछ नहीं कर सके, क्योंकि इससे पहले 2 बार राजद को नीतीश कुमार छोड़ चुके हैं.
अवध बिहारी की शुरू हुई उल्टी गिनती
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार के विधानसभा में स्पीकर अवध बिहारी चौधरी की उल्टी गिनती अब शुरू हो गई है. दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल को सिर्फ 5 से 6 विधायक चाहिए और अपने स्पीकर के लिए मांझी के चार लोग कभी भी पाला बदल सकते हैं. इसके अलावा जदयू के 2 से 3 विधायक लेकर राजद अलग सरकार बना सकता है.