पटना: बिहार में नई शिक्षक बहाली नियुक्ति नियमावली के तहत 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर बहाली होनी है, लेकिन लगातार नियुक्ति नियमावली का विरोध अलग-अलग शिक्षक संगठन के द्वारा किया जा रहा है. वहीं, अब बिहार में शिक्षक नियुक्त नियमावली में बड़ा बदलाव किया गया है.


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मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में संशोधन करते हुए कहा गया है कि अब शिक्षक बनने के लिए बिहार का स्थायी होना जरूरी नहीं है. पहले भर्ती के लिए बिहार का स्थानी होना जरूरी था। नई शिक्षक बहाली नियमावली के तहत बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बीते 15 जून से आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू है और12 जुलाई तक अंतिम तिथि है. 


 



इस मामले पर बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर ने कहा कि रिक्तियां ज्यादा रह जाने के कारण सरकार ने इस तरह का फ़ैसला लिया है. पहले बहाली में अंग्रेज़ी, गणित और विज्ञान के अभ्यर्थी नहीं मिल पाते थे सीट ख़ाली रह जाती थी जिसके बाद सरकार ने इस तरह का निर्णय लिया है, अब देश के कोई भी अभ्यर्थी इसमें शामिल हो सकते है.  ऐसे प्रतिभाशाली अभ्यर्थी इस बहाली की प्रक्रिया में शामिल होंगे और उनकी बहाली होगी. हर बात का विरोध होता है, अच्छी बात का भी विरोध होता है, खराब बात का भी विरोध होता हैं उससे हमें क्या करना हैं. 


अब शिक्षा मंत्री के बयान पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह बीजेपी विधायक राणा रणधीर सिंह ने हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री का लगातार दुर्भाग्यपूर्ण बयान आता रहता है, अब महागठबंधन की सरकार ने बहुत ही चुनकर ऐसा मंत्री बनाया हैं, शिक्षा विभाग की हालत पहले से ही खराब हैं, लेकिन शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में इनके कालखंड में बद से बदतर होते जा रहा है, एक तो व्यवस्था ठीक नहीं है. उसके अलावा बिहारियों के गौरव और मान सम्मान पर भी चोट कर रहा हैं, ये कहना बिहार के छात्रों में क्षमता नहीं है. पूरे देश में बिहारी आईएएस, आईपीएस, हमारी बेटियां आईएएस के एग्जाम में टॉप कर के ये साबित कर रही हैं की बिहारी प्रतिभा का पूरे दुनिया, देश में सम्मान हो रहा हैं.