पटना : बिहार की राजधानी पटना में गायघाट शेल्टर होम की अधीक्षिका वंदना गुप्ता पर लगे आरोप के बाद पटना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. जिसकी पुष्टि पीड़िता पक्ष के अधिवक्ता मीनू कुमारी ने किया है. 


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पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर एसआईटी टीम के गठन का दिया था आदेश 
आपको बता दें बीते 5 माह पूर्व गायघाट शेल्टर होम से बाहर आई पीड़िता का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एसआईटी टीम गठित कर मामला दर्ज करने का निर्देश जारी किया था. जिसके बाद एसआईटी की जांच में शेल्टर होम की अधीक्षिका पर आरोप साबित होते ही पटना पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. 


शेल्टर होम से निकली लड़की का वीडियो वायरल होने के बाद मामला आया था बाहर 
वहीं अधिवक्ता मीनू गुप्ता ने बताया पीड़िता ने खुद कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराते हुए बयान दिया था की नशे की दवा देकर गलत काम करवाया जाता था. जब इसका विरोध किया जाता तो पिटाई की जाती थी और इसमें कई लड़कियों को शामिल किया जाता था. इसकी सच्चाई तब सामने आ गई जब शेल्टर होम से बाहर निकली एक पीड़िता का एक वीडियो वायरल हो गया. उसके बाद ही समाजसेवी संस्था को पीड़िता ने अपनी व्यथा बताई तो पैरों तले जमीन खिसक गई और शेल्टर होम में होने वाले कुकर्म का पर्दाफाश हो गया. 


वंदना गुप्ता की तरफ से केस वापस लेने के लिए बनाया जाता था दवाब  
इसे हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए SIT टीम गठित कर मामला दर्ज करने का आदेश जारी किया था, लेकिन इस बीच कई बार केस को वापस लेने के लिए वंदना गुप्ता की ओर से दबाव बनाने के भी आरोप लगे. कोर्ट ने इसके साक्ष्य मिलने के बाद एसआईटी टीम को जमकर फटकार लगाया था. इसके साथ ही साक्ष्य के आधार पर वंदना गुप्ता को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था. जहां महिला थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. हालांकि अधिवक्ता मीनू कुमारी का दावा है की आरोपी वंदना गुप्ता के खिलाफ कोर्ट में इतने साक्ष्य हैं जिससे की ट्रायल चलने के बाद आरोपी को सजा होना तय है. अब देखने वाली बात यह होगी साक्ष्य के आधार पर आरोपी वंदना गुप्ता को कितनी सजा मिलती है. 


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