BPSC Protest: जन सुराज पार्टी की याचिका पर पटना हाई कोर्ट 15 जनवरी को करेगा सुनवाई
BPSC Protest: BPSC की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा 13 दिसंबर, 2024 को हुई थी. पूरे बिहार में यह परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न कराई गई पर पटना के बापू परीक्षा परिसर में छात्रों के एक समूह ने हंगामा कर दिया और वहां परीक्षा कैंसिल करनी पड़ी थी.
पटना: बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर प्रशांत किशोर के आमरण अनशन के बीच उनकी जन सुराज पार्टी ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. किशोर के अधिवक्ता प्रणव कुमार ने बताया, याचिका पर 15 जनवरी को सुनवाई होगी, जिसमें 13 दिसंबर, 2024 को हुई बीपीएससी की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में अनियमितताओं को उजागर किया गया है. यह मामला शुक्रवार को न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की एकल पीठ के समक्ष पेश की गई.
READ ALSO: 10 रुपये बढ़ा गन्ना खरीद रेट, 207 करोड़ से बनेगा रक्सौल हवाई अड्डा
अधिवक्ता प्रणव ने कहा, ‘हमने अपनी याचिका में राज्यभर में आयोजित परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता का उल्लेख किया है. खासतौर पर परीक्षा हॉल में लोगों द्वारा मोबाइल फोन ले जाने के मामले को रेखांकित किया गया है, जहां जैमर नहीं थे. कई स्थानों पर परीक्षार्थियों ने एक साथ बैठकर अपने प्रश्नपत्र हल किए.’
अधिवक्ता ने दावा किया, ऐसी अनियमितताएं केवल बापू परीक्षा परिसर में ही नहीं, कई अन्य परीक्षा केंद्रों में भी देखी गईं. इसलिए, हमने पूरी परीक्षा को रद्द करने के साथ उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, जो इसके जिम्मेदार हो सकते हैं. राज्यभर में 900 से अधिक केंद्रों पर लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी.
बापू परीक्षा परीसर में 12,000 अभ्यर्थियों के लिए पुन: परीक्षा आयोजित की गई. उस केंद्र पर 13 दिसंबर को सैकड़ों परीक्षार्थियों ने प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा का बहिष्कार कर दिया था. बीपीएससी ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि परीक्षा रद्द करवाने के लिए ‘साजिश’ रची गई. बापू परीक्षा केंद्र में कुछ अभ्यर्थियों के लिए पुन:परीक्षा कराने के आयोग के फैसले को अन्य अभ्यर्थियों ने ‘समान अवसर’ से वंचित करने का आरोप लगाया.
READ ALSO: इतनी बड़ी साजिश को हल्के में ले रही RPF, बदमाश नशे में ट्रेन हादसा करा देते तो...
इस परीक्षा को रद्द करने की अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन करते हुए किशोर ने दो जनवरी को आमरण अनशन शुरू किया था. हालांकि, डॉक्टरों ने सामान्य आहार लेने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. जन सुराज पार्टी ने कहा कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से बात करके गतिरोध समाप्त करने पर सहमत हो जाते हैं तो किशोर अनशन तोड़ने पर विचार कर सकते हैं.
भाषा