BPSC Success Story: टीनू कुमारी बिहार के जमुई जिले की रहने वाली एक सामान्य परिवार की लड़की है. उन्होंने अपने मेहनत और संकल्प से वो कर दिखाया जो किसी सपने से कम नहीं है. टीनू की मां पिंकी सिंह ने अफसर बनने का सपना देखा था, लेकिन अपने बच्चों की परवरिश के कारण वह अपना यह सपना पूरा नहीं कर पाईं. हालांकि, उनकी बेटी टीनू ने अपनी मां के इस अधूरे सपने को पूरा करने का बीड़ा उठाया और उसने न सिर्फ एक बल्कि एक साथ पांच सरकारी नौकरी के एग्जाम पास कर लिए. यह एक बड़ी उपलब्धि है और इसने न केवल परिवार बल्कि पूरे जिले में गर्व का माहौल बना दिया है.


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मां का सपना पूरा किया
टीनू ने बताया कि मां पिंकी सिंह ने पढ़ाई के बाद अफसर बनने का सपना देखा था. पिंकी अंग्रेजी में एमए और बीएड की डिग्रीधारी हैं, लेकिन परिस्थितियों के कारण उन्हें घर संभालना पड़ा. वे एक हाउसवाइफ बनकर अपने बच्चों की परवरिश करती रहीं. उनकी मेहनत और त्याग का फल उनकी बेटी टीनू ने उन्हें दिया, जब उसने मां के सपनों को अपने हाथों से साकार किया. टीनू ने एक के बाद एक पांच सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में सफलता हासिल कर न केवल अपनी मां का बल्कि पूरे परिवार का मान बढ़ाया.


पांच परीक्षाएं एक साथ पास कीं
टीनू ने आगे बताया कि अपनी कड़ी मेहनत और सही रणनीति से पांच परीक्षाएं पास कीं. सबसे पहले 22 दिसंबर को उसे कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर चयन मिला. इसके अगले ही दिन, 23 दिसंबर को उसने बिहार एसएससी सीजीएल परीक्षा पास कर ली और उसे सहायक प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर नियुक्ति मिल गई. इसके बाद टीनू ने बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी सफलता हासिल की, जिसमें उसे 6वीं से 8वीं, 9वीं से 10वीं, और 11वीं से 12वीं कक्षा के लिए शिक्षिका के पद पर चयन मिला. इतनी बड़ी उपलब्धि पाना अपने आप में एक रिकॉर्ड है और टीनू ने साबित कर दिया कि जब इरादे मजबूत हों, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है.


परिवार का गर्व
साथ ही कहा कि उनके पिता मुन्ना कुमार सिंह सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर हैं, जबकि उसकी मां पिंकी सिंह एक हाउसवाइफ हैं. दोनों ही अपनी बेटी की इस अभूतपूर्व सफलता से बेहद खुश हैं. टीनू ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता, भाई, और मामा को दिया है, जिन्होंने उसे हर कदम पर सपोर्ट किया और उसकी हिम्मत बढ़ाई. परिवार के साथ-साथ आसपास के लोग भी टीनू की इस सफलता से गौरवान्वित हैं और उसे अपने इलाके की प्रेरणा मान रहे हैं.


सोशल मीडिया से बनाई दूरी
आज के समय में जहां अधिकांश युवा सोशल मीडिया पर काफी समय बिताते हैं, टीनू ने इससे दूरी बनाकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया. उसने सोशल मीडिया के बजाए किताबों को अपना सबसे अच्छा दोस्त बना लिया और निरंतर पढ़ाई से सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंची. टीनू का मानना है कि किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा साथी किताबें होती हैं, और यही उसकी सफलता का मुख्य कारण है. उसने बताया कि लगातार पढ़ाई और फोकस करने से ही वह यह मुकाम हासिल कर पाई है.


आगे का सपना है आईएएस बनना
हालांकि टीनू ने एक साथ पांच परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है, लेकिन उसका सपना अभी भी अधूरा है. वह आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए आईएएस अधिकारी बनना चाहती हैं. टीनू का मानना है कि मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है और वह अपने इस बड़े लक्ष्य को भी हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही टीनू की सफलता की यह कहानी आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है. उसने साबित कर दिया है कि यदि आपके इरादे पक्के हों और आप कड़ी मेहनत करने को तैयार हों, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है. उसकी कहानी उन सभी लड़कियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों.


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