BPSC Success Story: पिता की अंतिम इच्छा पूरी कर ललन बने सीनियर डिप्टी कलेक्टर
BPSC Success Story: ललन कुमार के पिता ने जिंदगी भर आर्थिक परेशानियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी अपने बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी. पिता ने पूरी कोशिश की कि उनके बच्चे अच्छी तरह से पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बन सकें. ललन का मानना है कि उनके पिता की प्रेरणा और मेहनत की वजह से ही आज वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं.
BPSC Success Story: जमुई के एक पिता का सपना था कि उनका बेटा पढ़-लिखकर बड़ा अधिकारी बने. उन्होंने अपने बेटे से हमेशा यही उम्मीद रखी थी कि वह कलेक्टर बनेगा. उनके बेटे ललन कुमार भारती ने अपने पिता की इस इच्छा को पूरा किया और बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा पास कर ली. उनकी इस सफलता से पूरा परिवार और गांव खुशी से झूम उठा. ललन का सीनियर डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ.
ललन बताते है कि उन दिनों एक तरफ नौकरी की खुशी थी तो दूसरी तरफ पिता से जिंदगी भर साथ छुट जाने का दुख था. ललन ने आगे बताया कि उनके पिता जगदीश दास जो लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिस दिन नौकरी मिली तो उसकी दिन पिता ने आखिरी सांस ली. पिता के निधन की खबर ने परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया. लोग कहते हैं कि जैसे ही बेटे ने अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी की, वैसे ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. साथ ही यह घटना जमुई जिले के बरहट ब्लॉक की है, जहां जगदीश दास अपने परिवार के साथ रहते थे. ललन कुमार भारती उनके सबसे छोटे बेटे हैं. उनके पिता उन्हें बड़ा अधिकारी बनते देखना चाहते थे. हालांकि, जब ललन ने यह सफलता हासिल की, तो उनके पिता अस्पताल में भर्ती थे और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. पिता को जैसे ही ललन की सफलता की खबर मिली, वे बहुत खुश हुए, लेकिन वे इस खुशी का हिस्सा नहीं बन सके. रिजल्ट आने के कुछ ही समय बाद उनके पिता का निधन हो गया.
ललन कुमार ने बताया कि उनके पिता ने जीवनभर आर्थिक तंगी का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने बच्चों की शिक्षा में कमी नहीं आने दी. उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए हर संभव प्रयास किया, ताकि उनके बच्चे पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें. ललन का कहना है कि उनके पिता की प्रेरणा और संघर्ष की वजह से ही आज वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं. साथ ही ललन के परिवार में उनके दो और भाई हैं. एक भाई शिक्षक हैं और दूसरे भाई इंजीनियर. ललन ने बताया कि उनके पिता ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी और यह सुनिश्चित किया कि उनके तीनों बेटे अच्छी तरह से पढ़ाई कर सकें. परिवार ने कई मुश्किलें झेलीं, लेकिन पिता ने कभी हार नहीं मानी.
ललन ने बताया कि उनकी सफलता पर गांव के लोग भी बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं. उनके पिता जगदीश दास ने जीवनभर संघर्ष किया और कभी अपने बच्चों के भविष्य के साथ समझौता नहीं किया. उनकी कड़ी मेहनत और बच्चों के प्रति समर्पण का ही नतीजा है कि आज उनका बेटा सीनियर डिप्टी कलेक्टर बन पाया है. साथ ही ललन कुमार भारती ने बीपीएससी परीक्षा अपने तीसरे प्रयास में पास की. उन्होंने कहा कि उनके पिता की प्रेरणा और उनके संघर्ष की वजह से ही वे इस मुकाम तक पहुंचे हैं. उन्होंने अपनी इस कामयाबी का पूरा श्रेय अपने पिता को दिया है. गांव के लोग और रिश्तेदार ललन की इस सफलता पर उन्हें बधाई दे रहे हैं, लेकिन पिता के इस दुनिया से चले जाने की खबर ने सबकी आंखों को नम कर दिया है.
ये भी पढ़िए- Choti Diwali 2024 Date: कब है छोटी दिवाली? जानें त्योहार के रिवाज और परंपराएं