बिहार में नीतीश सरकार (Nitish Govt) की कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को नई शिक्षक नियमावली (New Teachers Manual) पर मुहर लगा दी गई. शिक्षक नियमावली के अलावा कुल 18 एजेंडों को कैबिनेट ने मंजूर कर लिया. नई शिक्षक नियमावली के रूप में 1,78,026 पदों को मंजूरी मिली. इनमें पहली से पांचवी तक 85,477, 6ठी से 8वीं तक के लिए 1745, नौंवी और दसवीं के लिए 33186 और 12वीं के लिए 57618 पदों को एप्रूव कर लिया गया. 


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नई शिक्षक नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी से एक बात तो साफ हो गई है कि शिक्षक बनने के लिए टीईटी और एसटीईटी अभ्यर्थियों को बीपीएससी की परीक्षा तो पास करनी ही होगी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब सभी जिलों में शिक्षकों के पदों को रोस्टर क्लीयरेंस के लिए भेजा जाएगा और उसके बाद बीपीएससी को वैकेंसी भेजी जाएगी. माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक वैकेंसी आ सकती है.


उधर, नई शिक्षक नियमावली को लेकर अभ्यर्थियों का विरोध लगातार जारी है. अभ्यर्थी और नियोजित शिक्षक पहले से इस नियमावली का विरोध कर रहे हैं. जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव विपक्षी एकता की कवायद के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक कर रहे थे तो पटना सहित कई जिलों में नई शिक्षक नियमावली के खिलाफ अभ्यर्थी आंदोलनरत थे. हालांकि अब अभ्यर्थियों और नियोजित शिक्षकों के विरोध को धता बताते हुए नई शिक्षक नियमावली को कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है. 


कैबिनेट के अन्य फैसलों की बात करें तो धान और गेहूं खरीदारों के लिए सरकार ने खजाना खोला है और दिव्यांगजनों को बैट्रीचालित ट्राई साइकिल दिए जाने के प्रावधान में 10 हजार की अधिसीमा को समाप्त कर योजना चालू रखने को हरी झंडी दे दी गई है. इसके अलावा राजधानी पटना के अलावा गया और मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में डीजल चालित तीन पहिया वाहनों पर रोक लगाने का फैसला किया गया है.


फैसले के अनुसार, 30 सितंबर से इन शहरों में ऐसी गाड़ियां नहीं चलाई जा सकेंगी. कैबिनेट ने पटना, गया और मुजफ्फरपुर के डीजल चालित मालवाहक वाहनों के लिए भी अनुदान का प्रावधान किया गया है. गया और मुजफ्फरपुर में अब 15 साल पुराने डीजल चालित व्यावसायिक वाहनों को नहीं चलाया जा सकेगा. एक अक्टूबर से इन नगर निगम क्षेत्रों में ऐसे वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सकेगा.