Patna: बिहार में जातीय जनगणना को लेकर अब तस्वीर साफ होती नजर आ रही है. अब बिहार BJP ने भी जातीय जनगणना को लेकर अपना समर्थन देने की बात कह दी है. बिहार के उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि, 'हमने या हमारी पार्टी के किसी भी नेता ने ऐसा नहीं कहा कि हम जातीय जनगणना के साथ नहीं हैं. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों से इसे लेकर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ था, जिसमें हमारी पार्टी ने भी समर्थन दिया था. इसके अलावा जब प्रधानमंत्री से मिलने प्रतिनिधिमंडल गया था, उसमें भी हमारी पार्टी की तरफ से मंत्री जनक राम गए थे. इसलिए हम हमेशा से बिहार में जातीय जनगणना कराए जाने के पक्षधर रहे हैं.'


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डिप्टी सीएम ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि सीएम की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में BJP शामिल होगी. उन्होंने कहा कि 'हमारी चिंता सिर्फ इस बात को लेकर है कि जातीय जनगणना बेहद स्पष्ट तरीके से हो. जनगणना में किसी भी तरह की त्रुटि न रहे और इसका फायदा भी व्यापक तौर पर लोगों को मिले. हमारी पार्टी इस बात पर विमर्श कर रही है कि इस जातीय जनगणना का बिहार पर क्या असर होगा और इसकी प्रक्रिया कितनी पारदर्शी होगी.'


विपक्ष के हाथ से छूटा 'हथियार', 'तीर' ने ली राहत की सांस
BJP ने जातीय जनगणना पर अपनी सहमति जताकर एक तरफ विपक्ष के हाथ से बड़ा मुद्दा छीन लिया है, तो दूसरी तरफ सहयोगी JDU को राहत की सांस लेने का मौका भी दिया है. JDU के सामने बड़ी चुनौती थी कि सरकार में और गठबंधन में शामिल सबसे बड़े घटक दल के विरोध के साथ जातीय जनगणना के मुद्दे पर आगे कैसे बढ़े. लेकिन अब BJP के स्टैंड से JDU को सुकून मिला है. इस बीच विपक्ष के हाथ से सरकार पर हमले का एक बड़ा मुद्दा निकल गया है. विपक्ष लगातार इस बात को लेकर NDA पर हमलावर था कि सत्ताधारी गठबंधन में अंतर्कलह है और BJP-JDU के बीच जनगणना को लेकर मतभेद है. लेकिन अब विपक्ष के पास फिलहाल ये मुद्दा तो नहीं रह गया है.


नए मुद्दे पर 'सहयोगी' ने गाड़ा खूंटा
जातीय जनगणना पर BJP की सहमति के बाद सभी दल अब एकमत नजर आने लगे हैं. लेकिन मामला यहां अभी खत्म नहीं हुआ है. BJP के तरकश में अभी इतने तीर हैं कि समय-समय पर चलाकर वो अपना सियासी एजेंडा सेट कर सकती है. CASTE CENSUS पर भले ही BJP ने सहमति जता दी है, लेकिन इसके साथ ही 'जनसंख्या नियंत्रण कानून' का अपना एक पुराना राग फिर से छेड़ दिया है. BJP ने कहा है कि 'जातीय जनगणना पर हम सभी दलों के साथ हैं, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी जनसंख्या नियंत्रण कानून है. बिहार में जिस तरह जनसंख्या विस्फोट हो रहा है वो बड़ा संकट है. बिहार के साथ पूरे देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक कानून की जरूरत है. इसके लिए भी सभी दलों को सहमति बनानी चाहिए.'


BJP ने अचानक से जनसंख्या नियंत्रण कानून की बात छेड़कर सियासी माहौल फिर से गर्मा दिया है. विपक्ष इसे लेकर BJP पर फिर हमलावर हो गया है. हालांकि, सहयोगी JDU की तरफ से अभी इस मसले पर कोई भी बयान नहीं आया है. JDU का शुरू से स्टैंड रहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून नहीं, बल्कि समाज की जागरुकता ही सबसे बेहतर हथियार है.


जनसंख्या नियंत्रण कानून का BJP ने चला दांव
जातीय जनगणना पर अपनी सहमति जताने के साथ ही BJP ने जो जनसंख्या नियंत्रण कानून का दांव चला है, वो विपक्ष के साथ सहयोगी दलों को भी रास नहीं आने वाला है. विपक्ष ने तो तत्काल हमला बोल भी दिया है. RJD इसे BJP की साजिश करार दे रही है. पार्टी का कहना है कि 'BJP ने जान-बूझकर ये मुद्दा उछाला है. BJP देशभर में सिर्फ अपना एजेंडा चलाना चाहती है. दरअसल BJP की मंशा हर हाल में जातीय जनगणना को टालने की है, इसलिए जब बे-मन से उसे इस पर समर्थन जताना पड़ा है तो जनसंख्या की बात लाकर विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही है. BJP हमेशा से विवादित मुद्दे को हवा देकर जरूरी मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल देती है.'


एक अन्य विपक्षी दल कांग्रेस भी BJP पर बुरी तरह हमलावर है. कांग्रेस ने तो BJP को 'राजनीतिक ठग' जैसे संबोधन से नवाज दिया. कांग्रेस ने कहा कि 'BJP एक ऐसी पार्टी है जो गोलमोल बातें कर जनता को ठगती है. ये पार्टी जन-सरोकार के किसी भी मुद्दे के साथ खड़ी नहीं रहती, बल्कि अपने वोट-जुगाड़ू एजेंडे पर चलकर राजनीतिक हित साधने की कोशिश करती है. जातीय जनगणना का समर्थन भी BJP की कोई राजनीतिक चाल है. अगर ये वास्तव में इसके समर्थन में होती तो पूरे देश में इसे लागू करने की पहल की गई होती. जबकि केन्द्र की सरकार ने सीधे तौर पर जातीय जनगणना कराने से इनकार कर दिया. इसका मतलब है कि BJP इस मुद्दे का कोई राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.'


जातीय जनगणना Vs जनसंख्या नियंत्रण 
बिहार के विपक्षी दल या सत्ता में शामिल BJP के सहयोगी दल चाहे जो भी कहें, लेकिन इतना तो तय है कि BJP ने 'एक हाथ से देने और दूसरे हाथ से लेने' की रणनीति बनाई है. जातीय जनगणना पर अपनी सहमति जताने के साथ ही जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसला उठाकर BJP ने नई बहस को जन्म दे दिया है. ये भी एक सच है कि समाज का एक बड़ा तबका इस बात से सहमत है कि देश में जनसंख्या नियंत्रण की बड़ी सख्त जरूरत है और इसके लिए अगर कानून भी बने तो उस तबके को ऐतराज नहीं होगा. खास तौर पर शहरी आबादी और शिक्षित वर्ग तो काफी समय से इस बात पर अपनी चिंता जताता रहा है कि जनसंख्या विस्फोट की तरफ देश बढ़ चुका है.


बिहार के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी विपक्षी दल जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून की जगह सामाजिक जागरुकता की वकालत करते हैं. बिहार में BJP की सहयोगी JDU का भी यही मत रहा है कि जनसंख्या पर रोक के लिए जागरुकता ही जरूरी है. लेकिन BJP हमेशा से इसके लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की पक्षधर रही है. ऐसे में पार्टी ने अपना एजेंडा एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि BJP सर्वदलीय बैठक में या उसके बाद इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा सकती है.