पटना: क्या ये महज संयोग है कि जिस दिन बिहार में नई सरकार को बहुमत साबित करना था उसी दिन आरजेडी नेताओं पर ताबड़तोड़ छापने पड़ने लगे? RJD एमएलसी सुनील सिंह, राज्यसभा सांसद अशफाक करीम, राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद और पूर्व एमएलसी सुबोध राय के घर छापे पड़े हैं. अभी ये साफ नहीं है कि मामला क्या है. 


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'नौकरी के बदले जमीन'
ये भी साफ नहीं है कि कहां ED और कहां CBI ने छापे डाले हैं. लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि सुनील सिंह के यहां रेड नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित है. ये कथित घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुआ था. 


कई जगहों पर रेड
वैसे सिर्फ बिहार ही नहीं, दिल्ली से रांची तक छापे पड़े हैं. कुल पच्चीस जगह छापों की खबर चल रही है. झारखंड में कारोबारी प्रेम प्रकाश के यहां छापे पड़े हैं. झारखंड में कई जगह इनकम टैक्स विभाग ने भी छापे डाले हैं. 


17 ठिकानों पर रेड
प्रेम प्रकाश के कुल 17 ठिकानों पर छापे पड़े हैं. प्रेम प्रकाश का सत्ता प्रतिष्ठानों से करीबी संबंध माना जाता है. इससे पहले ED ने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. ये वही हैं जिनकी शिकायत पर झारखंड हाईकोर्ट के वकील राजीव कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. ये वही राजीव कुमार हैं जिनकी याचिकाओं के कारण हेमंत सोरेन सरकार सांसत में है. 


जेडीयू-आरजेडी ने उठाए सवाल
ये तो हुई झारखंड की बात लेकिन बड़ा बवाल मचा है बिहार में छापों को लेकर. छापों की टाइमिंग पर जेडीयू-आरजेडी ने सवाल उठाए हैं. राजद सांसद मनोज झा ने कहा है कि ये सीबीआई-ईडी के छापे नहीं हैं बल्कि ये भारतीय जनता पार्टी के छापे हैं. 


लालू परिवार के करीबियों पर शिकंजा
जिन सुनील कुमार को लालू परिवार का करीबी माना जाता है, उन्होंने कहा है -'वो हमसे एक कागज पर साइन कराना चाहते थे, लेकिन हमने मना कर दिया. ये छापेमारी पूरी तरह से सियासी साजिश है.' 


'हम डरने वाले नहीं हैं.'
सुनील  कुछ दिन पहले राबड़ी देवी से राखी बंधवाते नजर आए थे. छापों के बाद राबड़ी देवी ने प्रतिक्रिया दी -'हम डरने वाले नहीं हैं.' आरजेडी ने कहा है कि उस दिन छापे जिस दिन फ्लोर टेस्ट है, बताता है कि ये सब विधायकों को डराने धमकाने के लिए किया जा रहा है. 


बीजेपी ने झाड़ा पल्ला
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि केंद्र सरकार सीबीआई और ईडी का बिहार में खतरनाक तरीके से इस्तेमाल कर रही है. उधर बीजेपी ने इन छापों से पल्ला झाड़ा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि एजेंसियां अपना काम करती हैं. 


उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि डेढ़ साल पहले खुद नीतीश कुमार ने परिषद चुनाव के दौरान कैश पकड़े जाने के बाद शिकायत की थी, हो सकता है ये छापे उसी सिलसिले में हों. 


ये सफाई अपनी जगह है, लेकिन जाहिर है डेढ़ साल बाद अगर फ्लोर टेस्ट के दिन ही छापे पड़ेंगे तो टाइमिंग पर सवाल जरूर उठेंगे. आपको याद होगा हाल ही में पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा था कि राज्य में सीबीआई सहयोग नहीं कर रही थी, इसलिए ईडी को टीएमसी नेताओं के पीछे लगाया गया.