NEET Paper Leak Case: सीबीआई ने बिहार में नीट पेपर लीक मामले में अपनी पहली गिरफ्तारी की है, जिसमें पटना से दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है, जिनकी पहचान मनीष कुमार और आशुतोष के रूप में की गई है. सीबीआई सूत्रों के अनुसार, मनीष कुमार ने अपनी कार में छात्रों के परिवहन की सुविधा प्रदान की और उस पर एक खाली स्कूल का इस्तेमाल करने का संदेह है, जहां कम से कम दो दर्जन छात्रों को लीक हुआ पेपर दिया गया और उसे याद कराया गया, जबकि आशुतोष ने अपने आवास पर छात्रों के लिए आवास उपलब्ध कराया. 


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इन दोनों लोगों को एजेंसी ने 27 जून, 2024 दिन गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया था और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की घोषणा के एक दिन बाद रविवार को पहली बार नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने 6 एफआईआर दर्ज की हैं.


नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से 5 मई को आयोजित स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए NEET-UG 2024 के लिए लगभग 24 लाख छात्र उपस्थित हुए थे. परिणाम निर्धारित समय से 10 दिन पहले 4 जून को घोषित किए गए थे, लेकिन प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप लगे. 1,500 से अधिक छात्रों को ग्रेस मार्क दिए जाने से विरोध शुरू हो गया. सुप्रीम कोर्ट समेत अदालतों में भी मामले दायर किए गए, जिसने एनटीए को फटकार लगाई है.


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दरअसल, नीट पेपर लीक मामला बड़ा सियासी मुद्दा बन गया है. 27 जून दिन गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन में इसका जिक्र किया गया. राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है और आश्वासन दिया कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी. उन्होंने कहा कि हालिया अनियमितताओं और पेपर लीक से सख्ती से निपटा जा रहा है और सरकार का ध्यान परीक्षा प्रक्रिया में सुधार पर है.