Patna: Chanakya Niti: कहा जाता है कि कर भला तो हो भला, लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता है. आचार्य चाणक्य ने ऐसे तीन लोगों के बारें में बताया है कि जिनका भला करने से इंसान को सिर्फ दुःख का ही सामना करना पड़ता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब में ऐसे लोगों से दूर रहने की सलाह दी है. उनका मानना है कि ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिये. तो आइये जानते हैं ऐसे ही तीन लोगों के बारें में: 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

1. "दुष्टास्त्रीभरणेन" अर्थात दुष्ट स्वभाव की महिला का भरण-पोषण करने पर 


जो महिला चरित्रहीन हो, कर्कशा हो, दुष्ट स्वभाव वाली हो उसका भरण-पोषण करने वाले इंसान को कभी भी सुख नहीं मिलता है. वो सिर्फ अपने ही स्वार्थ के लिए सोचती हैं. ऐसी महिलाओं के संपर्क में आने से पुरुष को सिर्फ समाज और घर-परिवार में अपयश ही मिलता है. ऐसी महिलाओं से दूर रहने की सलाह दी है. 


2. अकारण ही दुखी रहने वाले इंसान 


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो अकारण ही दुखी रहते हैं और हमेशा ही असंतुष्ट होकार विलाप करते हैं. ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिये. ये लोग हमेशा ही आप के सुख से ईर्ष्या करते हैं. र ईर्ष्या भाव रखने वाले और अकारण ही हमेश दुखी रहने वाले लोगों से से दूर रहने में ही आप का फायदा है. 


3. "मूर्खाशिष्योपदेशेन' अर्थात मूर्ख शिष्य को उपदेश देने से 


आचार्य चाणक्य ने कहते है कि किसी मूर्ख को ज्ञान या उपदेश नहीं देना चाहिए. अगर आप ज्ञान के माध्यम से उस मूर्ख की भलाई करना चाहते हैं, तो वो व्यक्ति इस बात को नहीं समझेगा. इस वजह से आप को ही नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसे लोगों से भी जीवन में दूर रहना चाहिये.