SIM Inactive: बिहार और झारखंड में मोबाइल नंबरों पर लगातार दूरसंचार विभाग (डीओटी) की तरफ से कार्रवाई की जा रही है. एक बार फिर से दोनों प्रदेशों के लगभग 17,000 से ज्यादा मोबाइल नंबरों को निष्क्रिय कर दिया गया है. इसको लेकर बताया गया है कि जिनके पास नौ से ज्यादा मोबाइल नंबर हैं उन ग्राहकों के मोबाइल नंबर को निष्क्रिय किया गया है.


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बता दें कि दूरसंचार विभाग की नियम के अनुसार किसी भी जगह पर देशभर में ग्राहक सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के द्वारा मुहैया कराई जानेवाली मोबाइल सेवा के लिए अधिकतम 9 की संख्या में ही मोबाइल कनेक्शन प्राप्त कर सकता है. इससे अधिक नंबर होने पर इसे बंद किया जा सकता है. आपको बता दें कि देश में जम्मू-कश्मीर, असम और उत्तर पूर्वी राज्यों में यह संख्या 6 रखी गई है. ऐसे में इससे पहले भी दूरसंचार विभाग की तरफ से बिहार और झारखंड के ऐसे उपभोक्ताओं के नंबर बंद किए गए थे जिनके पास अधिकतम सीमा से अधिक मोबाइल कनेक्शन मौजूद थे. ऐसे करीब 2.30 लाख सिम कार्ड को दूरसंचार विभाग की तरफ से निरस्त किए गया था. 


अब दूसरा संचार विभाग 17000 की संख्या में निष्क्रिय किए गए नए मोबाइल नंबरों की पहचना के साथ इसके विश्लेषण की प्रक्रिया में लग गया है. बता दें कि डीओटी के एलएसए (बिहार) के क्षेत्र में ही झारखंड आता है. ऐसे में दोनों राज्यों करे नंबर पर एक साथ कार्रनाई की गई है. 


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वहीं लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक ‘संचार साथी’ के रूप में डिजिटल पोर्टल शुरू किया गया है. यह पोर्टल आपको यह बाताता है कि आपके नाम से कितने मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं और साथ ही आपके खोए हुए मोबाइल फोन का पता लगाने के साथ ही इसको ब्लॉक कराने की भी सुविधा प्रदान करता है. इसके साथ ही अगर आपके पास किसी मोबाइल नंबर की आवश्यकता नहीं है या आपकी तरफ से इसे नहीं लिया गया है तो इसको भी आप यहां से ब्लॉक करा सकते हैं. 


डीओटी की तरफ से पहले जिन 2.30 लाख मोबाइल नंबरों को निष्क्रिय किया गया था उनके बारे में जानकारी है कि अधिकांश नंबर अवैध तरीके से खरीदे गए थे. इसके साथ ही डीओटी की तरफ से 2900 प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) को भी ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है. यह सभी सिम कार्ड को गलत तरीके से जारी करने में अवैध तरीके में शामिल पाए गए हैं.इन सब के खिलाफ कार्रवाई के पीछ बिहार और झारखंड के कई जिलों का साइबर अपराध के ‘हॉटस्पॉट’ में काम करना है. यहां से साइबर आपराधों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है.