पटनाः Chhath Puja 2022: उत्तर भारत में, खासतौर पर बिहार-झारखंड में छठ पर्व बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस पर्व पर देश के किसी भी कोने में रह रहे बिहार के लोग गांव जरूर लौटते हैं. छठ पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है. वैसे इस उत्सव की शुरुआत चतुर्थी से हो जाती है और फिर सप्तमी को सूर्यदेव को जल-अर्घ्य देकर व्रत का पारण-समापन किया जाता है. यह भगवान सूर्य को समर्पित महापर्व है.


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महापर्व को लेकर जिला प्रशासन गंभीर 
महापर्व को लेकर राजधानी पटना में घाटों पर तैयारी जोरों से चल रही है. इस महापर्व में व्रती महिलाओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसको लेकर पटना जिला प्रशासन गंभीर दिख रहा है. इसी के चलते जिला प्रशासन ने पटना में 16 खतरनाक घाटों की सूची जारी की है. सूचना जारी करते हुए घोषित किया कि इस साल इन 16 घाटों पर छठ की पूजा नहीं होगी. इन 16 घाटों पर दलदल की समस्या ज्यादा होने के वजह से और अप्रोच पथ न होने के वजह से इन घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है. नीचे देखें खतरनाक घाटों की सूची.     


16 खतरनाक घाटों की सूची 
1. नारियल घाट
2. जेपी सेतु पूर्वी घाट
3. बांस घाट
4. कलेक्टेरिएट घाट
5. महेंद्रु घाट
6. टी एन बनर्जी घाट
7. अंटा घाट
8. अदालत घाट
9. मिश्री घाट
10. टेढ़ी घाट
11. गड़ेरिया घाट
12. नरुद्रीदिनगंज घाट
13. भरहरवा घाट
14. महाराज घाट
15. कंटाही घाट
16. गुरु गोविंद सिंह कॉलेज घाट/ किलाघाट 


28 अक्टूबर से होगी शुरुआत 
छठ महापर्व 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलेगा. छठ पूजा की शुरुआत 28 अक्टूबर से होगी और पहले दिन नहाय खाय होगा. छठ के दूसरे दिन खरना पूजा होती है और 30 अक्टूबर को छठ पूजा का पहला अर्घ्य संपन्न होगा. 31 अक्टूबर की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का समापन होगा. 


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