Chhath Puja 2022: आने वाला है छठ का महापर्व, दउरा में याद से रख लें ये सामान
उत्तर भारत खासतौर पर बिहार-झारखंड में छठ महापर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस पर्व पर देश के अलग- अलग कोने में रह रहे बिहार के लोग अपने घर जरूर लौटते हैं. छठ पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है.
पटनाः Chhath Puja 2022: उत्तर भारत खासतौर पर बिहार-झारखंड में छठ महापर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस पर्व पर देश के अलग- अलग कोने में रह रहे बिहार के लोग अपने घर जरूर लौटते हैं. छठ पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है. वैसे तो इस महापर्व की शुरुआत चतुर्थी से हो जाती है और फिर सप्तमी को अगते हुए सूर्य को जल-अर्घ्य देकर व्रत का पारण-समापन किया जाता है. यह महापर्व भगवान सूर्य को समर्पित है.
बता दें कि छठ व्रत को कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. इसमें व्रत करने वाले भक्त 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखते हैं. छठ महापर्व में छठ माता और भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. छठ पूजा में सबसे विशेष होता है उन्हें चढ़ने वाला चढ़ावा. वैसे हर कोई अपनी क्षमता और आस्था के अनुसार ही छठ माता को चढ़ावा चढ़ाता है. मगर इस पर्व में कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं, जिन्हें छठ माता को चढ़ने वाली सूप में रखना ही होता है. तो आज हम आपको छठ महापर्व के दौरान माता को चढ़ने वाली डलिया में क्या-क्या जरूरी चीजें रखनी है, उसके बारे में बताने जा रहे हैं.
-छठ पूजा में व्रती अपनी क्षमता के अनुसार पीतल का सूप, जिसे सूपा भी कहा जाता है उससे भी अर्घ्य देते हैं.
-इसके बाद बांस के फ्ट्टे से बना दउरा लगता है. छठ में दउरा का अलग ही महत्व है.
-सूप में शक्करंकदी, सूतनी, हल्दी की गांठ और अदरक को पौधे सहित रखा जाता है.
-इतना ही नहीं इस सूप में पानी वाला नारियल, गन्ना भी रखा जाता है.
-इसके अलावा इसमें मौसमी फल (अपनी क्षमता और आस्था के अनुसार) को रखा जाता है.
-छठ माता को चढ़ने वाली दउरा में पान, सुपारी, शहद, लौंग और इलायची भी रखा जाता है.
-दउरा में कुमकुम, आलता, सिंदूर, मेहंदी और बिंदी आदि सुहाग का सामान भी रखा जाता है.
-इसके अलावा दउरा में लाल चूड़ी, पीली साड़ी, श्रृंगार का सारा सामान भी छठ माता को चढ़ाया जाता है.
-इन सब के अलावा चावल के लड्डू, पुआ, ठेकुआ मुरमुरे, तिल आदि भी दउरा में जरूर रखा जाता है.
-इस दउरा में एक लोहे या तांबे का लोटा भी होता है, जिसमें जल भरकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है.
-छठ महापर्व की पूजा केले के बिना अधूरी मानी जाती है, इसलिए डलिया में केला भी रखा जाता है.
-गुड़ को बहुत ही शुभ माना गया है इसलिए छठ माता को चढ़ने वाले दउरा में गुड़ भी रखा जाता है.
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