पटना : बिहारी मजदूरों के खिलाफ तमिलनाडु में भड़की हिंसा की आग ने बिहार की राजनीति को गर्म कर दिया है. बिहार की राजनीतिक धरातल इस गर्मी की वजह से तप रही है. यहां सियासी बवाल खड़ा हो गया है. विपक्ष नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलकर खड़ा हो गया है. ऐसे में अब नीतीश सरकार के लिए भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखना मजबूरी बन गई है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल बिहार विधानसभा में आज यह मुद्दा उठा और इसने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया. विधानसभा में इस मुद्दे पर भाजपा ने जमकर हंगामा काटा. तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के साथ इस मामले को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा की खूब नोंकझोंक हुई. अंततः नीतीश सरकार को भाजपा के हल्ला बोल के आगे झुकना पड़ा. 


भाजपा की मांग पर नीतीश सरकार ने यह फैसला लिया की इस मामले की सघन जांच कराई जाएगी और इसके लिए सरकार की तरफ से एक स्पेशल टीम तमिलनाडु भेजी जाएगी. इसके साथ ही इस टीम को यह काम भी सौंपा जाएगा कि जो लोग वहां से बिहार लौटना चाहते हैं उन्हें मदद प्रदान की जाए और वापस अपने प्रदेश सुरक्षित लाया जाए. 


बिहार भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी के साथ नीतीश कुमार से सीएम के विधानसभा के भीतर बने उनके कक्ष में मिला. वहां साथ में कई भाजपा के विधायक भी थे. सबने बिहारी मजदूरों को सुरक्षित निकालने की अपील की साथ ही जो हिंसा वहां भड़की है उसकी जांच के लिए विशेष टीम भेजने की बात भी कही. 


बता दें कि इसके पहले विधानसभा में विजय सिन्हा की तरफ से जब इस मांग को उठाया गया था तो डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इस मांग को खारिज कर दिया था. तब तेजस्वी यादव ने कहा था कि भाजपा इस मामले पर अफवाह फैला रही हैं और लोगों के बीच घृणा फैला रही है. हालांकि आज इस मांग को नीतीश कुमार के द्वारा मान लिया गया.


विजय सिन्हा ने अपनी टीम के साथ नीतीश कुमार से मिलने के बाद कहा कि हमने अपनी मांग सीएम नीतीश कुमार के सामने रखी थी इसके बाद नीतीश कुमार ने डीजीपी और मुख्य सचिव को बुलाकर आदेश दिया कि अधिकारियों की एक टीम को तमिलनाडु भेजा जाए. साथ ही जो भी लोग तमिलनाडु से बिहार वापस आना चाहते हैं उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कराई जाए.


ये भी पढ़ें- उपेंद्र कुशवाहा के बाद जेडीयू को एक और बड़ा झटका, पूर्व सांसद मीना सिंह ने पार्टी को कहा अलविदा