Patna: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी इंडिया गठबंधन का केवल संयोजक नहीं बल्कि गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाना चाहिए. यह विचार बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल में उनके सहयोगियों ने रखे. पटना स्थित जदयू मुख्यालय में बृहस्पतिवार को आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान बिहार के मंत्री मदन साहनी और रत्नेश सदा ने यह बात कही. 


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जनसुनवाई कार्यक्रम के तहत राज्य मंत्रिमंडल के एक या अधिक सदस्य आम लोगों की शिकायत सुनते हैं. बिहार के समाज कल्याण मंत्री साहनी ने कहा, नीतीश कुमार संयोजक का काम तो बिना पद के ही पहले कर चुके हैं. इंडिया गठबंधन के सूत्रधार नीतीश कुमार ही हैं और उन्होंने ही तमाम दलों को संयोजित करने का काम किया है.  


इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) की पिछली बैठक में ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रस्तावित किये जाने के बारे में पूछे जाने पर साहनी ने कहा,  सबकी अपनी-अपनी राय है लेकिन गठबंधन में इसपर सामूहिक रूप से निर्णय लिया जायेगा. सभी दल मानते हैं कि नीतीश कुमार सबसे अनुभवी हैं तो उन्हें संयोजक क्यों प्रधानमंत्री का चेहरा बनाया जाए. 


हालांकि, जदयू नेता ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार के लिए कुछ भी मांग नहीं कर रही है क्योंकि वे इतने बड़े नेता हैं कि उन्हें इस तरह के समर्थन की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा, हम प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करने और लोकसभा चुनाव के बाद इस बारे में निर्णय लिए जाने की गठबंधन की रणनीति का पूरा सम्मान करते हैं. 


अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी /एसटी) कल्याण विभाग का कार्यभार संभाल रहे रत्नेश सदा ने कहा, नीतीश कुमार एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने बिहार और अन्य जगहों पर सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों की आवाज उठाई. उन्होंने जाति आधारित गणना कराई और इसके बाद आरक्षण में बढ़ोतरी की. वे वंचितों के प्रति दिखावा नहीं कर रहे थे. सदा ने कहा, इसके अलावा, हर घर नल जल जैसी योजनाओं के साथ निचले स्तर तक विकास का उनका दृष्टिकोण सभी के सामने है, जिसने हर घर में पाइप से पानी पहुंचाया. जल जीवन हरियाली इस बात का प्रमाण है कि उन्हें पर्यावरण क्षरण की परवाह है. 


उन्होंने कहा, ऐसे में, उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने से न केवल जदयू बल्कि इंडिया गठबंधन के सभी सहयोगियों को चुनाव में फायदा होगा. हम यहां यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम कोई दबाव डालने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. सदा ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर प्रहार करते हुए कहा, यह भाजपा ही है जो नीतीश कुमार जैसे पिछड़े नेता को प्रमुखता दिया जाना बर्दाश्त नहीं कर सकती. इंडिया गठबंधन के भीतर कोई समस्या नहीं है. सीट बंटवारे सहित सभी मुद्दों को सही समय पर सुलझा लिया जाएगा. 


(इनपुट: भाषा)