पटना: बिहार में कोराना का खतरा बढ़ता जा रहा है. कोरोना के बढ़ते खतरे से कैसे निपटें, इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अफसरों की हाई लेवल मीटिंग बुलाई. बैठक में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अफसर मौजूद रहे. एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में हुई हाई लेवल मीटिंग में स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ने कोरोना के अपडेट और विभाग की तैयारियों के बारे में विस्तार से बताया. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी ओर से कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. 


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सीएम नीतीश कुमार बताया कि देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं और बिहार भी इससे अछूता नहीं रहा है. पिछले कुछ दिनों में बिहार में भी संक्रमण में काफी इजाफा हुआ है. इस वजह से अभी रोजाना कोरोना की टेस्टिंग बढ़ा दी गई है. सीएम ने बताया कि पूरे देश में अभी जितनी कोरोना जांच हो रही हैं, उनका एक तिहाई बिहार में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश भर में हर 10 लाख आबादी पर औसत जांच 6 लाख है तो बिहार में यह आंकड़ा 8 लाख के करीब है. 


मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिया कि वे ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग कराएं.जितनी अधिक कोरोना के मामलों की जांच होगी, कोरोना के मरीजों के बारे में उतनी ज्यादा जानकारी मिलेगी. उन्होंने अफसरों से कहा कि अस्पतालों में मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था की जाए. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी ओर से कोरोना की वैक्सीन राज्य को उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. राज्य सरकार अपनी ओर से कोरोना वैक्सीन खरीदकर लोगों को टीका लगवाना जारी रखेगी. 


मुख्यमंत्री ने अफसरों से यह भी कहा कि वे अस्पतालों में सभी प्रकार की दवाएं और उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित करवाएं. भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का उपयोग सुनिश्चित करवाया जाए. आॅक्सीन की उपलब्धता भी हो. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों और डाॅक्टरों को अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है. सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल कराई जाए, ताकि तैयारियों को परखा जा सके.


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