पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष के शिक्षक भर्ती में हुई अनियमितता के आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि सभी नियुक्तियां अच्छे से हो रही है. गुरुवार को बिहार में एक लाख से अधिक शिक्षक नियुक्ति पत्र बांटा जाना है. पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे जब साथ में थे तब इस बारे में नहीं बोलते थे.


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उन्होंने कहा कि ऐसा बोलने के लिए उन्हें बोला जाता है इसलिए बोल रहे हैं. अनियमितता की बात को नकारते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. सभी नियुक्तियां अच्छे से हो रही हैं. नीतीश कुमार ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि नियुक्तियों का काम बहुत ही तेजी और अच्छे से हो रहा है. विपक्ष इस मुद्दे पर अंट-शंट इसलिए बोल रहा है क्योंकि उन्हें ऊपर से ऐसा बोलने के लिए से कहा जाता है. 


गुरुवार को बीपीएससी द्वारा चयनित एक लाख से अधिक लोगों के बीच शिक्षक नियुक्ति पत्र बांटा जाना है. बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में करीब 25 हजार लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा. इस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहेंगे. उल्लेखनीय है कि विपक्ष लगातार शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा रहा है.


सुशील मोदी ने बोला था हमला 


पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षकों के 1 लाख 70 हजार पद रहते हुए राज्य सरकार बमुश्किल 30 हजार बिहारी युवाओं को नयी नियुक्ति देने जा रही है. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए 9 से 12 कक्षा के लिए आवेदन ही अपेक्षा से 40 हजार कम आये. फिर मात्र 1.22लाख अभ्यर्थियों के पास होने से 48 हजार पद खाली रह गए. 10 हजार उत्तीर्ण लोगों ने बिहार सरकार की नौकरी स्वीकार नहीं कर खाली रह जाने वाले पदों की संख्या 60हजार के करीब पहुंचा दी.


उन्होंने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने नौकरी स्वीकार की, उनमें मुश्किल से 30 हजार ही बिहारी युवा हैं. अन्य राज्यों के लगभग 40 हजार युवा बिहार में शिक्षक बनेंगे. 37,500 वो नियोजित शिक्षक हैं जो पहले से सरकारी सेवा में हैं उन्हें अब दोबारा नियुक्ति पत्र दिया जायेगा.


(इनपुट आईएएनएस के साथ)