भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से बिहार में खोई हुई सियासी जमीन हासिल कर सकती है कांग्रेस
बिहार में भी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत होने जा रही है, जिसको लेकर लगातार रूपरेखा बनाई जा रही है. रविवार को बिहार दौरे पर आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह ने इसकी घोषणा की.
Patna: बिहार में भी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत होने जा रही है, जिसको लेकर लगातार रूपरेखा बनाई जा रही है. रविवार को बिहार दौरे पर आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह ने इसकी घोषणा की. इस यात्रा को लेकर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ये यात्रा बांका के मंदार पर्वत से 28 दिसंबर को शुरू होगी और लगभग 1200 किलोमीटर के सफर के बाद बोधगया में समाप्त होगी.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस उत्साहित है. पार्टी का मानना है कि इस यात्रा के जरिए वो जनता से सीधे तौर पर जुड़ पाएंगे. इसके जरिए राजनीतिक बदलाव और कांग्रेस की वापसी का मकसद पूरा हो सकेगा. यही वजह है कि अब यात्रा के रूट में विस्तार की चर्चाएं तेज होने लगी है. इसी कड़ी से बिहार में भी भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत होने जा रही है.
'कांग्रेस को मिलेगी मजबूती'
देश में ही नहीं राज्य में भी कांग्रेस अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने में जुटी है. जहां एक ओर राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की कमान अपने हाथों में ली है, और यात्रा को आगे बढ़ा रहे है. वहीं, अब उनकी पार्टी भी एकजुटता का संदेश देने की कोशिश कर रही है. इसी के तहत बिहार में कांग्रेस के वरिष्ट नेता बिहार में होने जा रही भारत जोड़ो यात्रा की कमान संभालते दिख रहे है. रविवार को पटना पहुंचे दिग्विजय सिंह ने पटना पंहुचते ही बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. इस दौरान जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह ने कहा, 'भारत जोड़ो यात्रा ने भाजपा को अस्थिर कर दिया है." उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता, मंत्री और विधायक पदयात्रा में हिस्सा लेंगे .
कितनी मिलेगी मजबूत ?
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कांग्रेस का मानना है कि यह यात्रा उनके लिए 'मील का पत्थर' साबित होगी. वहीं, विपक्ष इस यात्रा को लेकर तीखा प्रहार कर रहा है. कांग्रेस की कोशिश है कि इस यात्रा के जरिए वो अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने की है. राज्य में मौजूदा स्थिति पर भी नजर डाले तो गठबंधन में होने के बावजूद भी कांग्रेस कभी-कभी अलग-थलग नजर आई. हालांकि अगर यह यात्रा सफल रहती है तो राज्य में जरूर कांग्रेस की सियासी जमीन मजबूत होगी. इससे पार्टी के संगठन को भी मजबूती मिलेगी.
भविष्य को लेकर है तैयारी
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कांग्रेस की ओर से तमाम तैयारी की जा रही है. पार्टी इस यात्रा को सफल बनाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसको लेकर पार्टी लगातार काम कर रही है. पार्टी की निगाह इस समय 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव पर है. पार्टी इस यात्रा से कार्यकर्ताओं में जोश भरना चाहती है. इसके लिए पार्टी के बड़े नेताओं से लेकर जमीन से जुड़े हर कार्यकर्ता को आगे आना होगा.