Bhagalpur: बिहार के भागलपुर की एक अदालत ने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बिहार के पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन सहित चार आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में सोमवार को बरी कर दिया. 


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जानें क्या है पूरा मामला


2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान दंडाधिकारी के तौर पर तैनात तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी अरशद फिरोज ने 15 मार्च 2009 को नवगछिया के झंडापुर में पेट्रोल पंप के पास स्थित एक पान की दुकान में शाहनवाज हुसैन और विधायक शैलेंद्र की तस्वीरों वाला पोस्टर टंगे होने को लेकर एक मामला दर्ज कराया था. आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन और विधायक शैलेंद्र के साथ पान दुकानदार एवं दिव्यांग मंटू कुमार मोदी और व्यास मिश्र को भी आरोपी बनाया गया था. 


 



भागलपुर सहायक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने इस मामले में शाहनवाज सहित अन्य अरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. शाहनवाज के वकील भोला मंडल ने कहा कि इस मामले के सभी आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है. 


'सत्य की जीत हुई है'


शाहनवाज़ हुसैन ने अदालत के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘सत्यमेव जयते, सत्य की जीत हुई है’’. बिहपुर के भाजपा विधायक इंजीनियर शैलेंद्र ने कहा है कि सत्य पराजित नहीं हो सकता है. इस मामले को लेकर शाहनवाज हुसैन के वकील भोला मंडल ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सभी आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है. 


(इनपुट भाषा के साथ)