क्रूड आयल धड़ाम फिर भी नहीं घट रहा पेट्रोल-डीजल का दाम
देश और दुनिया में मंहगाई की वजह से सब परेशान हैं. चाहे वो आम इंसान हो या सभी देशों के बैंक लगातार बढ़ती मंहगाई का किसी के पास कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है. भारत की बात करें तो भारत में पेट्रोल डीजल की डिमांड बहुत अधिक है.
पटना : देश और दुनिया में मंहगाई की वजह से सब परेशान हैं. चाहे वो आम इंसान हो या सभी देशों के बैंक लगातार बढ़ती मंहगाई का किसी के पास कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है. भारत की बात करें तो भारत में पेट्रोल डीजल की डिमांड बहुत अधिक है. पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने या घटने से मंहगाई में फर्क पड़ता है पेट्रोल और डीजल का भाव अंतरार्ष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम से तय होता है.
क्रूड आयल में जबर्दस्त गिरावट
अंतरार्ष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पिछले एक हफ्ते में बहुत तेजी से नीचे आये हैं. महज़ हफ़्ते भर में कच्चे तेल के दामों में 10% से ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. पिछले हफ्ते ब्रेंट क्रूड का भाव लगभग 97 डॉलर के पास था जो अब गिर कर लगभग 88 डॉलर आ गया है. वहीं क्रूड ऑयल WTI के भाव में भी 10% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की जा रही है. जानकारों का कहना है कि अभी क्रूड ऑयल में और गिरावट देखने को मिल सकती है.
मार्च में कच्चे तेल के दाम 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए थे
इसी साल फरवरी में रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल के दामों में आग लग गई थी. जिसके बाद मार्च में कच्चे तेल के दाम 2008 के बाद 130 डॉलर के ऊपर पहुंच गए थे. जिसके बाद धीमे-धीमे क्रूड ऑयल के दामों में कमी होती नज़र आई.
देश में महीनों से नहीं बढ़े पेट्रोल और डीज़ल के दाम
कच्चे तेल में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद देश में महीनों से पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें स्थिर है. दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर, वहीं डीजल की कीमत 89.62 रुपये प्रति लीटर है. वहीं राजधानी पटना की बात करें तो पेट्रोल की कीमत 108 रुपये 12 पैसे वहीं डीज़ल की कीमत 94 रूपये 86 पैसे दर्ज की गई है.
पेट्रोल और डीज़ल के दामों में कमी की उम्मीद हर आम इंसान लगाकर बैठा है. जिससे उसे कुछ राहत मिल सके, लेकिन डॉलर का भाव आसामन छू रहा है. साथ ही US बॉन्ड यील्ड में भी लगातार बढ़त देखने को मिल रही है. इसके साथ रूस और यूक्रेन युद्ध अभी पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हुआ है. इसके विपरीत चीन और ताइवान विवाद भी धीमे-धीमे बढ़ता दिख रहा है. ऐसे में देखना ये होगा की क्रूड ऑयल के दाम कितने दिनों तक नीचे टिक पाएंगे या फिर अंतरार्ष्ट्रीय विवादों के चलते फिर से ऊपर जाते नज़र आएंगे.
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