Dev Uthani Gyaras 2023:  धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक माह में आने वाला देवोत्थान एकादशी बहुत बड़ा महत्व है. हालांकि बिहार के कई हिस्सों में देवोत्थान एकादशी को जेठान पर्व के नाम से जाना जाता है. यह तुलसी विवाह के रूप में भी प्रचलित है. इस वर्ष देवोत्थान एकादशी 23 नवंबर, गुरुवार को यानी आज है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


इस पर्व में भगवान विष्णु की ईख के साथ अन्य ऋतुफल से पूजा होती है. बाद में लोग इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. धार्मिक मान्यता में कहा जाता है कि इस दिन पांच माह बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे और सृष्टि के पालन का कार्यभार संभालेंगे. पर्व के साथ ही समस्त मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. 


कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी मां लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने के लिए श्रेष्ठ दिन माना जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और भगवान विष्णु के पूजन का विशेष महत्त्व है. दान-पुण्य करने से इसका महत्त्व और बढ़ जाता है. 


ऐसा मानना है कि पूजा अर्चना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. पूजा सामग्री में अनार, केला, सिंघाड़ा के साथ ईख आदि ऋतुफल श्री हरि विष्णु को अर्पण करने से उनकी कृपा सदैव बनी रहती है. जिसमे ईख का विशेष महत्व है. पूजन के बाद प्रसाद के रूप में लोग ईख का सेवन करते हैं. 


यह भी पढ़ें- बिहार में 'लंगड़ा बुखार' से लोग परेशान, रहस्यमय बीमारी का पता लगाने गया पहुंची WHO टीम


देवउठनी एकादशी मुहूर्त 
एकादशी तिथि का प्रारंभ - 22 नवंबर 2023, रात 11.03 से शुरू
एकादशी तिथि का समापन - 23 नवंबर 2023, रात 09.01 पर समाप्त


इनपुट- प्रभंजन कुमार सिंह


यह भी पढ़ें- दिसंबर में आयोजित होगा मखाना महोत्सव, बिहार सरकार बाजार के नए आयाम तलाशने में जुटी