Patna: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने रविवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के आलोचक पत्रकारों और विपक्षी नेताओं को कथित तौर पर धमकी दिए जाने के खिलाफ एक सप्ताह का राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी. 


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दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक में नौ से 15 अक्टूबर के बीच विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया गया. भट्टाचार्य ने कहा, 'समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के खिलाफ न्यूयॉर्क टाइम्स में महज दो वाक्य लिखे जाने के आधार पर जिस तरह से सख्त गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत कार्रवाई की गई है, उसे हमने गंभीरता से लिया है. यहां तक जो लोग आलेख लिखते थे, उनसे भी पूछताछ की गई है. पत्रकारिता की तुलना आतंकवाद से कर खतरनाक नजीर पेश की गई है.' 


उन्होंने उन खबरों पर चिंता जताई जिसके मुताबिक पुलिस ने पूछताछ के दौरान पत्रकारों से किसान आंदोलन और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कवरेज को लेकर सवाल किए और उनके मोबाइल फोन एवं लैपटॉप जब्त कर लिए गए. भट्टाचार्य ने कहा कि यह उन्हें 'भीमा कोरेगांव मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं को शिकार बनाने की याद दिलाती है जिनमें से एक सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया गया था और जेल में उनकी तबीयत बिगड़ने और बुढ़ापे की वजह से मौत हो गई थी.' 


भट्टाचार्य ने आरोप लगाया, 'गत दो साल से न्यूजक्लिक के खिलाफ चल रही ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) जांच अनिर्णायक रही. भीमा कोरेगांव मामले में कार्यकर्ताओं पर... अभियोग लगाए गए. हमें डर है कि उसी तरह का हथकंडा न्यूजक्लिक मामले में अपनाया जा सकता है.' 


उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) से जुड़े नेताओं के खिलाफ हालिया कार्रवाई पर अफसोस जताया जिनकी क्रमश: दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में सरकार है. ये तीनों दल केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ गठबंधन ‘इंडिया’ के सदस्य हैं. भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई के खिलाफ एक सप्ताह तक प्रदर्शन किया जाएगा. 


(इनपुट भाषा के साथ)