बिहार में Old Pension Scheme का सपना देखने वालों को CM नीतीश कुमार की यह बात जरूर जाननी चाहिए
भाजपा शासित राज्यो को छोड़ दें तो देशभर के 5 राज्यों में एक बार फिर से पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू कर दिया गया है. इनमें यूपीए शासित 5 राज्य और एक आम आदमी पार्टी शासित राज्य पंजाब है जहां इसे लागू करने का निर्णय लिया गया है.
Old Pension Scheme: भाजपा शासित राज्यो को छोड़ दें तो देशभर के 5 राज्यों में एक बार फिर से पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू कर दिया गया है. इनमें यूपीए शासित 5 राज्य और एक आम आदमी पार्टी शासित राज्य पंजाब है जहां इसे लागू करने का निर्णय लिया गया है. आपको बता दें कि 2004 में अलट बिहारी वाजपेयी की सरका में नई पेंशन व्यवस्था लागू की गई थी और तभी से पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से लागू करने की मांग उठने लगी. इस मांग की वजह से कई राज्यों में सत्ता परिवर्तन तक हो गया. जैसे हाल ही में भाजपा के हाथ से हिमाचल की सत्ता सिर्फ इसलिए चली गई क्योंकि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में राज्य में फिर से पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का वादा किया था.
पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करनेवाले राज्यों में राजस्थान सबसे अव्वल रहा. उसने सबसे पहले इस योजना को लागू किया. इसके बाद छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने भी इस लागू कर दिया है. ऐसे में सबकी नजर बिहार पर टिकी हुई है किया बिहार सरकार की तरफ से इस योजना को लागू किया जाएगा या नहीं. बिहार में अभी इस पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा नहीं हुई है लेकिन वहां भी इसकी मांग ने जोर पकड़ लिया है क्योंकि राजद के घोषणापत्र में यह शामिल था और अब सरकार राज्य में महागठबंधन की है तो इसकी मांग ने जोर पकड़ लिया है.
बिहार सरकार पर इसे लागू करने का दबाव जरूर बन रहा हो लेकिन अभी सरकार इसे लागू करने के मुड में नहीं दिख रही है. झारखंड में इस पुरानी पेंशन की बहाली की घोषणा के बाद से एक बार फिर बिहार में इसको लेकर मांग तेज हो गई है. कर्मचारी राजद के नेताओं से इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि वह राज्य सरकार में है तो अपने घोषणापत्र में किए वादे को पूरा करे. हालांकि पिछले साल विधानसभा में कांग्रेस नेता अजीत शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए नीतीश सरकार में तब मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने विधानसभा में साफ कहा था कि सरकार की अभी कोई योजना इसे लागू करने की नहीं है.
आपको बता दें कि सत्ता बदलने के बाद अब महागठबंधन के नेता भी इसको लागू करने को लेकर दबाव बना रहे हैं. ऐसे में अब अपनी सरकार को सुरक्षित रखने और विधानसबा चुनाव में एक बार फिर से बहुमत पाने के लिए राजद इसे राज्य में लागू करने के लिए प्रतिबद्ध तो दिख रही है लेकिन इसको लेकर ज्यादा शोरगुल सुनाई नहीं पड़ रही. राजद के कुछ नेता भले दावा कर चुके हैं कि बिहार मे पुरानी पेंशन व्यवस्था जरूर लागू होगी.
दरअसल नई पेंशन व्यवस्था में अंशदाता के अंशदान के आधार पर पेंशन की व्यवस्था निर्धारित की गई है. यह अंशदान आधारित पेंशन योजना है. इसमें सरकार भी कर्मचारी के साथ-साथ सरकार भी अंशदान देती है. जबकि पुरानी व्यवस्था में सेवानिवृत्ति के समय जो पेंशनधारक का अंतिम वेतन होता था उसका 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाता था. आपको बता दें कि यह पूरी राशि सरकार की तरफ से दी जाती थी.