Patna: 'रामचरितमानस' के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की मुश्किलें बढ़ गई है. बिहार के कई जिलों में उनके खिलाफ एक से अधिक जिलों की अदालतों में कई याचिकाएं दायर कर दी गई है. जिसमे उनके पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अदालतों में दायर की गई याचिका


मुजफ्फरपुर के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा और राजीव कुमार के अलावा गरीब नाथ मंदिर के महंत अभिषेक पाठक और स्थानीय हिंदू संगठन के नेता श्याम सुंदर ने उनके खिलाफ याचिकाएं दायर की। उन्होंने कहा है कि RJD ने जानबूझ कर हिंदू भावनाओं का अपमान किया है. ऐसे में उनके खिलाफ  भादंवि की संगत धाराओं के तहत मुकदमा चलाए जाए. इसके अलावा बेगूसराय जिले के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने भी याचिका दायर कर दी है. 


कही थी ये बात 


दीक्षांत समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि मनुस्मृति, रामचरितमानस और बंच ऑफ थाट्स को जला देना चाहिए क्योंकि उन्होंने नफरत फैलाई है. ये लोगों को पीछे धकेलने का काम किया है.  उन्होंने आगे कहा कि इसी वजह से देश के राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को मंदिरों में जाने से रोका भी गया था. ये ग्रंथ समाज में नफरत फैलाते हैं. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने इनका विरोध किया था और उन्होंने मनुस्मृति को जला दिया था. उन्होंने कहा कि रामचरित मानस में लिखा है कि अधम जाति में विद्या पाए, भयहु यथा अहि दूध पिलाए. जिसका मतलब है-नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण कर जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पीकर सांप हो जाता है.  उन्होंने कहा कि ये ग्रंथ समाज में सिर्फ नफरत फैलाते हैं. इसे देश कभी महान नहीं बनेगा. देश सिर्फ प्यार ही महान बन सकता है. 


ट्वीट पर कही थी ये बात


शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ट्वीट के जरिए अपनी बात रखी. उन्होंने लिखा "मेरा बयान बहुजनों के हक में है और मैं उस पर अडिग व कायम रहूंगा. ग्रंथ की आड़ में गहरी साजिश से देश में जातीयता व नफरत का बीज बोने वाले बापू के हत्यारों के प्रतिक्रिया की परवाह नहीं करता.