पटना : Bihar Electricity Price Hike: बिहार सरकार की तरफ से अभी कुछ दिनों पहले प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को तगड़ा करंट वाला झटका दिए जाने की घोषणा की गई थी. ऐसे में लोगों को लगने लगा था बढ़ती महंगाई की मार से परेशानी जो पहले से है वह महंगी बिजली के बिल के झटके के बाद और ज्यादा मुश्किलें बढ़ाने वाली है. दरअसल बिहार विद्युत विनियामक आयोग की तरफ से बिजली की दरों में वृद्धि का ऐलान किया गया था. बिजली की दरों में प्रदेश में 24.10 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया गया था. साथ ही बिजली दरों के तीन स्लैब को घटाकर दो कर दिया गया. वहीं फिक्स्ड चार्ज को भी दोगुना करने का निर्णय लिया गया था. 


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ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता को आज राहत देनेवाला फैसला सुनाया है. उन्होंने जो घोषणा की उससे महंगी बिजली के झटके से लोगों का बचाव हो पाएगा. मतलब साफ है कि अभी इस महंगी बिजली की दरों का जनता पर बोझ नहीं पड़ेगा. क्योंकि सीएम नीतीश कुमार ने 13 हजार 114 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी है. 


सीएम नीतीश कुमार ने साफ कहा कि बिहार सरकार उन राशि का वहन करेगी जो बिजली कंपनियों ने बढ़ाई है. इसका भार प्रदेश की जनता के कंधे पर नहीं आएगी. ऐसे में यह सारा खर्च सरकार वहन करेगी. नीतीश कुमार ने सदन में बताया कि अभी सरकार की तरफ से बिजली बिल पर 8895 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही थी जिसे अब 13,114 करोड़ रुपए करने का फैसला लिया गया है. 


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ऐसे में सीएम नीतीश कुमार के इस घोषणा के बाद से साफ हो गया है कि बिहार में अभी एक अप्रैल से बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी नहीं होगी. वहीं सीएम ने विधानसभा में एक बार पिर मांग उठाई की केंद्र सरकार समाज बिजली दर का फॉर्मूला लागू करे. उन्होंने बताया कि बिहार जैसे गरीब राज्य को कई राज्यों से ज्यादा महंगी बिजली मिलती है इसमें से महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान जैसे समृद्ध राज्य शामिल हैं. ऐसे में अभी प्रदेश की गरीब जनता पर बिहार सरकार की तरफ से बोझ डालने का कोई मतलब नहीं है और यही वजह है कि सरकार क तरफ से सब्सिडी को बढ़ाया गया है. ऐसे में अभी बिहार की आम जनता पर बढ़ी हुई बिजली की दरों का कोई असर नहीं पड़ेगा. 


बता दें कि बिहार में ग्रामीण उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक बिजली 6.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलता है जबकि इससे ज्यादा की खपत पर 6.40 रुपये प्रति यूनिट की दर से चार्ज किया जाता है.