पूर्व सांसद पप्पू यादव को भेजा जाएगा मधेपुरा जेल, 32 साल पुराने मामले में हुई है गिरफ्तारी
Bihar News: नीतीश कुमार सरकार में मंत्री मुकेश साहनी व सत्ता पक्ष के नेता जीतन राम मांझी ने भी पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध किया है.
Patna: जाप सुप्रीमो व मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) की गिरफ्तारी के बाद बिहार का सियासी पारा अचानक बढ़ गया है. पप्पू यादव की गिरफ्तारी के विरोध में पक्ष और विपक्ष हर तरफ से सरकार पर हमला शुरू हो गया है.
इस बीच खबर है कि पप्पू यादव को गांधी मैदान थाने से मधेपुरा जेल भेजा जा रहा है. मधेपुरा पुलिस गांधी मैदान थाना पहुंच गई है. पूर्व सांसद यादव की 32 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी हुई है. कुमारखंड थाना क्षेत्र के 9 /89 मामले में जाप सुप्रीमो की गिरफ्तारी हुई है.
जानकारी के अनुसार, इस मामले में बेल टूटने के बाद 22 मार्च 2021 को वारंट जारी हुआ था. वारंट जारी होने के बाद से पप्पू यादव फरार चल रहे थे. इस गिरफ्तारी के खिलाफ नीतीश सरकार में मंत्री मुकेश साहनी व सत्ता पक्ष के नेता जीतन राम मांझी ने अपनी आवाज बुलंद की है. वहीं, पप्पू यादव की पत्नी व पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने ट्वीट कर सीएम नीतीश कुमार से पप्पू यादव की अविलंब रिहाई की मांग की है.
ये भी पढ़ें- पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर सियासत तेज, RJD बोली-सबको अरेस्ट करें CM नीतीश
बिहार के कद्दावर नेता पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर भी सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. सुपौल की पूर्व सांसद रंजीत ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्रीनीतीश जी लॉकडाउन के उल्लंघन में गिरफ्तारी का कोई प्रावधान नहीं है. पप्पू यादव को तत्काल रिलीज करें. हम सब मिलकर इस वैश्विक महामारी से लड़ें, मानवता को बचाएं.
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने रंजीत रंजन के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि सिस्टम में दोष है और पप्पू यादव तो निर्दोष है. इसी तरह से लोग गिरफ्तारी पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं.
इसके अलावा, नीतीश सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि जनता की सेवा ही धर्म होना चाहिए. सरकार को जनप्रतिनिधि, सामाजिक संस्था एवं कार्यकर्ता को आमजन की मदद के लिए प्रेरित करना चाहिए. जन प्रतिनिधि को भी कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करते हुए कार्य करना चाहिए. ऐसे समय में सेवा में लगे पप्पू यादव को गिरफ्तार करना असंवेदनशील है.
जीतन राम मांझी ने कहा कि कोई जनप्रतिनिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे और उसकी एवज में उसे गिरफ्तार की जाए, ऐसी घटना मानवता के लिए खतरनाक है. ऐसे मामलों की पहले न्यायिक जांच हो तब ही कोई कारवाई होनी चाहिए नहीं तो जन आक्रोश होना लाजमी है.