पटनाः IAS kk Pathak: मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव आईएएस केके पाठक की गाली से भरी वीडियो वायरल होने के बाद मामला सुर्खियों में है. सत्ता के गलियारे में इस मामले को लेकर IAS की आलोचना की जा रही है. वहीं बासा (BASA) भी इसका विरोध कर रहा है. वहीं इस बारे में सीएम नीतीश कुमार ने भी प्रतिक्रिया दी है. वह समाधान यात्रा के तहत अररिया पहुंचे थे. शुक्रवार को मीडिया ने उनसे आईएएस केके पाठक को लेकर सवाल किया. इस पर उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो मामले को चीफ सेक्रेटरी देख रहे है. जांच हो रही है.  सभी चीजों की जांच हो रही है. गुरुवार की रात में ही मुझे इसकी जानकारी मिली थी.'


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वायरल हुआ था वीडियो
बता दें कि केके पाठक मद्यनिषेध आबकारी और निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सचिव हैं. इसके साथ ही बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) के डीजी भी हैं. केके पाठक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करते दिख रहे हैं. इस दौरान वो काफी गुस्से में दिख रहे हैं. प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों और बिहारियों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करते भी इस वीडियो में नजर आ रहे हैं. वीडियो वायरल होते ही बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने केके पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.


भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने की कार्रवाई की मांग
कैमूर पहुंचे दिल्ली के बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने केके पाठक द्वारा बिहारियों को गाली देने के मामले में कहा कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए. बिहारियों को गाली देने की एक परंपरा बन गई है. बिहार पहले भी सर्वश्रेष्ठ था और आगे भी रहेगा. बिहार के लोग हर क्षेत्र में अव्वल हैं. केके पाठक द्वारा बिहार के लोगों के लिए जो अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है वह गलत है, इसको कोई सही नहीं ठहरा सकता है. चाहे कोई बड़ा अधिकारी हो या सामान्य नागरिक हो. बिहार के लोगों को गाली देने की परंपरा सी चल रही है. मैं समझता हूं ऐसे लोगों को अपनी ऐसी मूर्खता पूर्ण नीति से बाज आना चाहिए. बिहार कल भी सर्वश्रेष्ठ था, बिहार की क्षमता आज ही सर्वश्रेष्ठ होने की है. बिहार भविष्य में भी अपनी अलग पहचान बनाए रखेगा. गाली देने वाले लोग आईने में अपने को देखें. निश्चित रूप से ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए .