पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के मात्र तीन सप्ताह बाद 14 फ़रवरी को मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी में 700 करोड़ रुपये से बने हिंदू मंदिर का उद्घाटन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कूटनीति को नये शिखर पर पहुंचा दिया.


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उन्होंने कहा कि अबू धाबी में मंदिर बनने से मुस्लिम देशों में बसे करोंड़ों भारतीयों का आत्मसम्मान बढेगा और भारत-यूएई के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दो दिन पहले मुस्लिम देश कतर से 11 पूर्व भारतीय सैनिकों को मृत्युदंड से बरी कराकर सुरक्षित स्वदेश लाने में विदेश मंत्रालय को बड़ी सफलता मिली.


उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से 22 हजार भारतीय छात्रों की वापसी और आंतरिक संकट से जूझते सूडान से 25 हजार लोगों को भारत लौटाकर एनडीए सरकार ने विदेश नीति में भी "मोदी की गारंटी"का सिक्का जमाया. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोरोना काल में जब अधिकतर देशों ने अपने नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया था, भारत दुनिया के हर देश से अपने नागरिकों-प्रवासियों को वापस लाने में सफल रहा.


बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में पहले हिंदू मंदिर, बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) मंदिर का उद्घाटन किया.अबू धाबी के क्षितिज पर गूंजते संस्कृत श्‍लोकों और वैदिक भजनों के साथ पीएम मोदी शाम 6 बजे मंदिर परिसर में पहुंचे और बीएपीएस के ईश्वरचरणदास स्वामी और अन्य प्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया.


भगवान स्वामीनारायण के चरणों में फूलों की पंखुड़ियां अर्पित करते हुए पीएम मोदी अनुष्ठान करने के लिए आगे बढ़े, जो उद्घाटन समारोह के हिस्से के रूप में पवित्र गंगा जल चढ़ाने के साथ शुरू हुआ, जो शुभ बसंत पंचमी त्योहार के साथ मेल खाता था. ऐतिहासिक उद्घाटन की अध्यक्षता करने के लिए 5 फरवरी को खाड़ी देश पहुंचे महंत स्वामी महाराज के साथ बैठकर पीएम मोदी ने 'वैश्विक आरती' की. उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने महंत स्वामी महाराज को प्रणाम किया और उनका आशीर्वाद लिया.


(इनपुट आईएएनएस के साथ)