Holi 2023: जानें क्यों नई नवेली दुल्हन ससुराल में नहीं खेलती है पहली होली?
Holi 2023: होली भारत का सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है. होली का त्योहार रंगों, भाईचारे, शांति और समृद्धि का उत्सव है. होली फाल्गुन माह की अंतिम पूर्णिमा या पूर्णिमा को मनाई जाती है.होली का त्योहार नई नवेली दुल्हन के लिए खासतौर पर बहुत खास माना जाता है.
Holi 2023: होली भारत का सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है. जिसका हर किसी को बेसब्री से इंतजार किया जाता है. होली का त्योहार रंगों, भाईचारे, शांति और समृद्धि का उत्सव है. होली फाल्गुन माह की अंतिम पूर्णिमा या पूर्णिमा को मनाई जाती है. वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार होली का त्योहार फरवरी-मार्च के महीने में आता है. होली का त्योहार नई नवेली दुल्हन के लिए खासतौर पर बहुत खास माना जाता है.
सास बहू के बीच के रिश्ते में आने लगती है दरार
दरअसल, नई नवेली दुल्हन की पहली होली मायके में होने के पीछे हजारों साल पुरानी मान्यता है. ऐसा कहा जाता है कि नई दुल्हन और उसकी सास को एक साथ जलती हुई होली को नहीं देखना चाहिए. अगर सास बहू एक साथ जलती हुई होली देखती है तो दोनों के बीच सालभर लड़ाई होती रहती है और रिश्तों में नकारात्मकता आने लगती है.
दामाद को भी मायके में ही मनानी चाहिए पहली होली
ऐसा भी माना जाता है कि नई नवेली दुल्हन ही नहीं दामाद को भी अपनी पहली होली पत्नी के साथ मायके में मनानी चाहिए. पहली होली मायके में खेलने से नए वैवाहिक जोड़े के जीवन में खुशियां आती है और जीवन सुखमय व्यतीत होता है. दोनों के रिश्ते की डोर मजबूत होती है. वहीं दामाद के साथ लड़की के परिवार वाले भी जुड़ाव महसूस करते है और रिश्ते में मिठास आती है.
गर्भवती महिला को भी ससुराल में नहीं खेलनी चाहिए होली
मान्यता ये भी है कि शादी के बाद पहली होली नई नवेली दुल्हन के मायके में खेलने पर होने वाली संतान हृष्ट-पुष्ट और स्वस्थ होती है. ऐसी भी मान्यता है कि गर्भवती महिला को भी अपने ससुराल में होली नहीं खेलनी चाहिए. ऐसा करने से बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है.
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