IAS Officer KK Pathak: केके पाठक के वायरल वीडियो पर सियासत, जेडीयू ने कही ये बात
IAS Officer KK Pathak: जानकारी के मुताबिक, बिहार में IAS केके पाठक का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे वो अपशब्दों भरी भाषा का प्रयोग कर रहें हैं. IAS अफसर अपने जूनियर अफसरों और बिहार के लोगों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
पटना: IAS Officer KK Pathak: बिहार के आईएएस केके पाठक का वीडियो वायरल होने के बाद सियासत गर्म है. प्रशासन से लेकर शासन तक इस वीडियो की चर्चा हो रही है और राज्य के कई नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. सभी ने सिरे से अफसर केके पाठक की इस तरह की भाषा शैली पर आपत्ति जताई, साथ ही कहा कि ऐसी भाषाएं आपके लिए मर्यादित भी नहीं हैं. हालांकि जेडीयू कोटे से मंत्रियों ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है.
जेडीयू मंत्रियों ने दिया ये जवाब
जानकारी के मुताबिक, बिहार में IAS केके पाठक का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे वो अपशब्दों भरी भाषा का प्रयोग कर रहें हैं. IAS अफसर अपने जूनियर अफसरों और बिहार के लोगों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं जेडीयू कोटे से मंत्री मदन सहनी और शीला मंडल से जब इस बार में सवाल किया गया तो उनका जवाब था कि 'हमको कोई जानकारी नहीं है, विडियो देखे ही नही हैं.' वहीं जब सवाल किया गया की विडियो देखने के बाद क्या कार्यवाई होगी तो उनका कहना था कि हम नही देखे है नही बता सकते.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कही ये बात
वहीं, केके पाठक के विडियो पर कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा 'हम ऐसे सभी बयानों की कठोर निंदा करते है जो क्षेत्रवाद, जातिवाद और पदवाद पर कहा गया हो और खासकर बिहारी के अस्मिता पर जब सवाल आए और बिहार के प्रशासनिक अधिकारियों का सवाल है जो बिहार कार्यपालिका की रीढ़ है उनको गाली दिया जाय इसकी कठोर निंदा करते हैं.' राजेश राठौर ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से आग्रह किया की मामले में समुचित कार्रवाई की जाए. उधर, वीडियो को लेकर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि वीडियो की सत्यता की जांच की जाएगी. हालांकि इस मसले पर विभाग के मंत्री खुद कह चुके हैं कि जांच पड़ताल के बाद कार्रवाई की जाएगी.
विजय सिन्हा ने कही कार्रवाई की बात
इस मामले पर, बिहार विधानसभा, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि 'अस्थिरता और प्रशासनिक अराजकता है और मुख्यमंत्री की जो भाषा है, उनके मंत्रियों से भी वही निकल रहा है, उसका असर प्रशासनिक पदाधिकारी पर भी पड़ रहा है, बिहारियों को जिस तरीके से अपशब्द बके हैं यह घोर निंदनीय है, ऐसे व्यक्ति को क्षमा मांगनी चाहिए और सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए, इस तरह की भाषा कहीं से भी सभ्य समाज के लिए उचित नहीं है.